उज्जैन | उज्जैन रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर बुकिंग खिड़की के पास से दो साल का बच्चा चोरी हो गया। मां अपने बेटे को बेंच पर लेटाकर दूध की बोतल धोने गई थी, इतने में ही उसका बच्चा चोरी हो गया। जीआरपी थाने ने सीसीटीवी चेक किए। इसमें आरोपी बच्चे को उठाकर ले जाते हुए दिखा, घटना के करीब  28 घंटे बाद अपहरण की रिपोर्ट लिखी।उज्जैन के बागपुरा निवासी वैष्णवी (22) पति श्रवण से झगड़ा होने पर दो साल के बेटे वंश को लेकर 23 दिसंबर की रात रेलवे स्टेशन पहुंच गई। वह भोपाल में बड़ी मां के घर जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रही थी। 24 दिसंबर की सुबह 10:35 बजे वह दूध की बोतल धोने के लिए बच्चे को प्लेटफॉर्म नंबर एक स्थित बुकिंग खिड़की की बेंच पर लेटाकर गई, इतने में उसका बच्चा गायब हो गया।

बच्चे को न पाकर महिला बुरी तरह घबरा गई और जीआरपी थाने पहुंची, लेकिन यहां से पुलिस ने उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी। महिला अकेले ही बच्चे की तलाश में पूरे स्टेशन और सड़कों पर भटकती रही। देर रात घर पहुंची। पति को बताया कि बच्चा कोई उठा ले गया है। घरवाले भी ये सुनते ही बच्चे को खोजने में जुट गए। अगले दिन 25 दिसंबर की शाम चार बजे फुटेज में बच्चे के अपहरण की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने रिपोर्ट लिखी। इस लेटलतीफी में 28 घंटे का समय निकल गया। बच्चे का अभी तक पता नहीं चला है।महिला ने कहा कि पति से झगड़ा होने पर मैं बेटे वंश को लेकर बड़ी मां के घर भोपाल जाने को निकली थी। रात में स्टेशन पर ही रही। सुबह एक व्यक्ति बिस्किट देने के बहाने आया।

करीब 10-15 मिनट बाद मैं बच्चे को बेंच पर लेटाकर दूध की बोतल धोने सामने नल तक गई, इतने में बच्चा चला गया। जीआरपी थाने गई तो टीआई ने अपशब्द कहे और थप्पड़ मारा। कहा- तूने ही बच्चा तो नहीं उठवा दिया। सबूत मांगने लगे। मैंने कहा- गलत हूं, तो कैमरे चेक कर लो। पुलिस ने मेरी नहीं सुनी। बोले- जाओ रिपोर्ट लिख ली है, कहते हुए भगा दिया। मैं रात तक भटकी और घर पहुंची इसके बाद अगले दिन मेरी रिपोर्ट लिखी।रोगी कल्याण समिति के सदस्य रहे राजेश बोड़ाना ने बताया, मैं देवासगेट पर किसी काम से आया था। यहां महिला और उसके परिजन बच्चे को खोज रहे थे।

यहां देवासगेट थाने के टीआई राममूर्ति शाक्य को घटना बताई। उन्होंने एएसआई शर्मा और पुलिसकर्मी गोरेलाल को मदद के लिए भेजा। मैं भी जीआरपी थाने गया। एएसपी आरएस महाजन से निवेदन किया कि महिला से सबूत मांग रहे हैं, कैमरे तो चेक कर लो। वे बोले- जो समय बताया, उसमें घटना नहीं दिखी। मैंने फिर कहा- समय आगे-पीछे हो सकता है, थोड़ा पहले के फुटेज देख लें। इसके बाद उन्होंने कैमरे चेक कराए तो एक व्यक्ति बच्चा ले जाते दिखा, इसके बाद टीआई कुछ नहीं बोले और रिपोर्ट लिख ली।