नई दिल्‍ली । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से ही स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) यह स्थापित कर सका कि कैसे एक कथित मादक पदार्थ तस्कर ने गलत ढंग से की गई कमाई से गुजरात के एक गांव में बंगला तैयार किया। नवंबर 2021 में मोरबी जिले में आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा की गई 600 करोड़ रुपये मादक पदार्थ की जब्ती के मामले में इशा राव मुख्य आरोपी है जो कि अभी फरार है। 
इस मामले में एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसरो के उन्नत आंकड़ा प्रसंस्करण अनुसंधान संस्थान द्वारा उपलब्ध की गई सेटेलाइट तस्वीरों से सामने आया है कि कैसे उसने पिछले तीन सालों में देवभूमि-द्वारका जिले के जोडिया गांव में अपनी संपत्ति बनाई और 50 लाख रुपये से अधिक का बंगला बनवाया। उन्होंने बताया कि इन तस्वीरों में 2019 से निर्माण के भिन्न-भिन्न चरण नजर आ रहे हैं। 
उन्होंने कहा जांच से खुलासा हुआ कि राव ने मादक पदार्थ के धंधे से जो पैसा बनाया उससे यह संपत्ति विकसित की गई। चूंकि उसका परिवार जांच में सहयोग नहीं कर रहा है तब हमारे द्वारा यह स्थापित करने के लिए सैटेलाइट तस्वीरों का उपयोग किया कि यह संपत्ति तीन सालों में बनाई गई है। यह मकान अब कुर्क किया गया है। 
माना जा रहा है कि राव फिलहाल पाकिस्तान के कराची में है। नवंबर 2021 में गुजरात एटीएस ने मोरबी जिले के जिंजुदा गांव के एक निर्माणाधीन मकान से 600 करोड़ रुपये की 120 किलोग्राम हेरोइन जब्त की थी और इशा राव के भाई मुख्तार हुसैन सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। एटीएस ने कहा था कि यह मादक पदार्थ राव के पाकिस्तानी साथियों ने समुद्र मार्ग से भेजा था।