भोपाल । प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है। इसलिए मप्र सरकार के दिशा-निर्देश पर वित्त विभाग के अधिकारी अभी से बजट की तैयारी में जुट गए हैं। इस बार का बजट चुनावी रंग में रंगा रहेगा। मुख्य बजट में सरकार का कर्मचारियों के बकाया डीए सहित अधोसंरचना विकास पर फोकस रहेगा। चुनावी वर्ष में विकास कार्यों और योजनाओं पर फोकस रहेगा। इसलिए इस बार मप्र का बजट 3 लाख करोड़  से ज्यादा का होगा।
दरअसल अनुपूरक बजट से फुर्सत हुई सरकार का फोकस अब नए वित्तीय वर्ष के लिए बजट को लेकर है। नए साल की शुरुआत के साथ ही बजट पर मंथन शुरू हो जाएगा। • विभागों के आला अफसरों के साथ वित्त विभाग के अफसरों की बजट बैठक होगी। इसके बाद मंत्री स्तर पर चर्चा का दौर शुरू होगा। प्रयास यही है कि जनवरी तक बजट को अंतिम रूप दे दिया जाए। इसी को फोकस कर काम हो रहा है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में राज्य का बजट 2.79 लाख करोड़ रुपए का है। बजट का आकार 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा होने की संभावना है। बजट बढऩे का प्रमुख कारण राज्य सरकार द्वारा विकास कार्यों पर फोकस करना योजनाएं शुरू करना है। 2023 में विधानसभा चुनाव हैं इसलिए यह बजट भी चुनावी होने की संभावना है। इसलिए भी आमजन को ध्यान में रखकर बजट का प्लान होगा।
विभागों से बजट के प्रस्ताव मंगाए
वित्त विभाग ने विभिन्न विभागों से बजट के प्रस्ताव मंगाए हैं। जनवरी के पहले सप्ताह से। विभाग के आला अफसरों के साथ वित्त विभाग के अफसर चर्चा शुरू करेंगे। आला अफसरों के साथ बजट मंथन के साथ विभागीय बजट को लेकर मंत्रियों के साथ वित्त मंत्री की चर्चा होगी। प्रयास है कि जनवरी तक बजट को अंतिम रूप दे दिया जाए। इसके लिए यदि कोई विभाग नई योजना लाना चाहता है तो उसे औचित्य बताना होगा। विभाग अपने स्तर पर कोई निर्णय नहीं ले सकेंगे बल्कि इसके लिए प्रस्ताव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेजना होगा और अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री द्वारा ही लिया जाएगा। वित्त विभाग ने आगामी बजट बनाने के लिए विभिन्न विभागों से तैयारियां प्रारंभ करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में वृद्धि संभावित है। जानकारी के अनुसार आगामी वर्ष बजट में इसके लिए 46 प्रतिशत सभी विभाग प्रावधान करेंगे। शिवराज सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए दो लाख 79 हजार 237 करोड़ रुपए का मुख्य बजट और प्रथम अनुपूरक 9784 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। 19 दिसंबर से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में दस हजार करोड़ रुपए से अधिक का द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया जाएगा। अगले साल विधानसभा चुनाव को देखते हुए बजट तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक का आने की संभावना है। ये करीब 3.20 लाख करोड़ का हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए बजट में कर्मचारियों के वेतन मद में तीन और मजदूरी के मद में पांच प्रतिशत की वृद्धि महंगाई भत्ता और महंगाई राहत में संभावित वृद्धि के लिए प्रावधान किया जाएगा।
सरकार को खजाने की चिंता
राज्य के खजाने की माली हालत किसी से छिपी नहीं है। बढ़ते खर्च को देखते हुए सरकार को खजाने की चिंता है। इसलिए राजस्व आय बढ़ाने पर भी फोकस किया है। कमाऊ विभागों के साथ राजस्व आय बढ़ाने को लेकर चर्चा होगी। वित्त विभाग ने विभागों से कहा है कि बैठक के दौरान वे वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विभिन्न योजनाओं की प्रासंगिकता तथा मितव्ययिता खर्च के युक्तियुक्तकरण की संभावना  योजनाओं के मापदण्ड हितग्राही संख्या आदि की जानकारी के साथ आने को कहा है।

बजट की स्थिति
बजट 279237 करोड़
राजस्व 249152 करोड़
कुल व्यय 247715 करोड़
राजस्व घाटा 3736 करोड़
(चालू वित्तीय वर्ष के बजट के मुताबिक)
प्रमुख क्षेत्रों का बजट
आर्थिक सामाजिक क्षेत्र- 117036 करोड़
कृषि क्षेत्र- 20027 करोड़
नगरीय एवं ग्रामीण विकास- 41038 करोड
अधोसंरचना क्षेत्र- 42128 करोड़
स्वास्थ्य क्षेत्र- 19405 करोड़
शिक्षा क्षेत्र- 32843 करोड़
विभिन्न सामाजिक क्षेत्र- 16782 करोड
(राशि राज्य सरकार द्वारा किए गए बजट प्रावधान के तहत)