नई दिल्ली । कोरोना महामारी के बीच भारत में अमीरों की संख्या में अच्छी खासी तेजी देखी गई है।  नाइट फ्रेंक की एक रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान देश में अरबपतियों की आबादी है 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अरबपतियों के लिहाज से हम अमेरिका और चीन के बाद तीसरे नंबर पर हैं। साल 2021 में भारत में अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल की तादाद 11 फ़ीसदी बढ़ी है। ऐसे अमीरों की संख्या 2020 में 12,287 थी जो कि अब बढ़कर 13,637 हो गई है। उल्लेखनीय है कि इस दौरान मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग के अधिकतर लोगों की आमदनी पर निगेटिव इंपेक्ट पड़ा है।नाइट फ्रैंक इंडिया के प्रेसिडेंट और एमडी शिशिर बैजल बताते हैं कि इक्विटी बाजार और डिजिटलाइजेशन इनकी आमदनी बढ़ाने में सहायक रहा है। यही वजह है कि भारत में ultra-high नेटवर्थ इंडिविजुअल की तेजी से वृद्धि हो रही है। उल्लेखनीय है कि तीन करोड़ डॉलर यानी 226 करोड़ रुपए या इससे अधिक की संपत्ति वाले लोग अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल की कैटेगरी में आते हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार अरबपतियों की संख्या चालू साल में भी बढ़ेगी।
इस साल भारत में 69 फ़ीसदी अति धनी व्यक्तियों की संपत्ति में इस साल 10 फ़ीसदी से अधिक की उछाल की संभावना है। इसी के साथ विश्व स्तर पर भारत अरबपतियों की संख्या के मामले में दूसरे देश से कहीं आगे निकल चुका है। नाइट फ्रैंक की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2021 में अपने यहां अरबपतियों की संख्या 145 रही है। अरबपतियों की आबादी के लिहाज से हम दुनिया में तीसरे स्थान पर हैं। अमेरिका में इस समय 748 अरबपति हैं और इसी के साथ वह नंबर एक स्थान पर काबिज है। चीन 554 अरबपतियों के साथ दूसरे नंबर पर बरकरार है। रिपोर्ट कहती है कि लगभग 20 फ़ीसदी भारतीय अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल ने क्रिप्टो और नॉन फंजिबल टोकन या एनएफटी में निवेश किया है। इनमें से क्रिप्टो में पैसे लगाने वाले 11 फ़ीसदी और एनएफटी में पैसे लगाने वाले 8 फीसदी हैं।
इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत का बेंगलुरु अरबपतियों का पसंदीदा शहर है। इस समय सबसे ज्यादा अमीर वहीं रहते हैं। वहां इस समय कुल अमीरों में से 17.1 फीसदी रहते हैं। बेंगलुरू के बाद दिल्ली दूसरा ऐसा शहर है, जहां सबसे ज्यादा अरबपति रहते हैं। दिल्ली में इस समय इनकी आबादी में हिस्सेदारी 12.4 फीसदी की है। 9 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ मुंबई का स्थान आता है। मालूम हो कि कोरोना काल में मध्यम और निम्न वर्ग के अधिकतर लोगों की आमदनी  घटी है। लेकिन इस दौरान भी देश में अरबपतियों की आबादी तेजी से बढ़ी है।