एक किसान को नो ड्यूज सर्टिफिकेट देने में आना-कानी करने के मामले में गुजरात हाईकोर्ट की फटकार का जोरदार असर देखने को मिला है। ये मामला भारतीय स्टेट बैंक से जुड़ा है, जिसने महज 31 पैसे के बकाया रहने पर किसान का प्रमाण पत्र देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद किसान की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति ने इसे उत्पीड़न करार दिया था।सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक की ओर से गुजरात उच्च न्यायालय को बताया गया कि उसने एक भूमि बिक्री मामले में एक उधारकर्ता को बकाया राशि का प्रमाण पत्र जारी किया है, जिसे केवल 31 पैसे की बकाया राशि का भुगतान न करने पर रोक दिया गया था। यहां बता दें कि पिछले हफ्ते, हाईकोर्ट ने देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता को बकाया प्रमाणपत्र जारी नहीं करने के लिए फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि इतनी छोटी सी राशि के लिए प्रमाण पत्र को रोकना बैंक के द्वारा किसान के उत्पीड़न के अलावा और कुछ नहीं है।