नई दिल्ली । आबकारी घोटाला से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित राज्य सभा सदस्य संजय सिंह की जमानत याचिका पर आज दिल्ली हाई कोर्ट दोपहर बाद अपना निर्णय सुनाएगा। इससे पहले 31 जनवरी को अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। जमानत की मांग करते हुए संजय सिंह की तरफ से तर्क दिया गया था कि वह पिछले तीन महीने से हिरासत में हैं और इस अपराध में उनकी कोई भूमिका नहीं बताई गई है। वहीं, जांच एजेंसी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलील दी कि सिंह 2021-22 की आबकारी घोटाला से उत्पन्न अपराध की आय को प्राप्त करने, रखने, छुपाने, फैलाने और उपयोग करने में शामिल थे। संजय सिंह को ईडी ने चार अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। वहीं, संजय सिंह की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने कहा था कि उनके मुवक्किल को ईडी के स्टार गवाह दिनेश अरोड़ा के बयान के बाद गिरफ्तार किया गया था। यह भी कहा कि संजय सिंह को मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित नहीं बनाया जा सकता क्योंकि सीबीआइ की मुख्य प्राथमिकी में उनका नाम नहीं था। याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने कहा था कि जांच में पता चला है कि संजय सिंह घोटाले में एक प्रमुख साजिशकर्ता हैं और वह इस मामले में कई आरोपितों-संदिग्धों व व्यावसायियों से करीबी से जुड़े थे। संजय सिंह कथित तौर पर अपराध की आय को लूटने के लिए एक विशेष प्रयोजन वाहन (मैसर्स अरालियास हास्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड) बनाने में शामिल थे। जांच एजेंसी ने यह भी दावा किया था कि आप नेता ने न सिर्फ अवैध धन या रिश्वत प्राप्त किया, बल्कि दूसरों के साथ साजिश में भी भूमिका निभाई है।