झारखंड हाई कोर्ट से रिटायर्ड जज हरीश चंद्र मिश्रा को दिल्ली का लोकायुक्त नियुक्त किया गया है। हरीश चंद्र अगले 5 साल के लिए दिल्ली के लोकायुक्त बने रहेंगे। दिल्ली में लोकायुक्त का पद दिसंबर 2020 से खाली था। 15 मार्च को जारी अधिसूचना जारी कर उपराज्यपाल ने अनिल बैजल ने न्यायमूर्ति मिश्रा को लोकायुक्त नियुक्त किया गया है। इससे पहले जस्टिस रेवा खेत्रपाल की नियुक्ति हुई थी। दिसंबर 2020 में उनका कार्यकाल पूरा हो गया था। जानकारी के अनुसार दिल्ली लोकायुक्त कार्यालय में 31 अगस्त 2021 तक 252 मामले लंबित थे। इसमें से दिल्ली के विधायकों के खिलाफ 87 मामले है। खेत्रपाल के रिटायर होने के बाद दिसंबर 2020 से 31 अगस्त तक 109 शिकायत लोकायुक्त कार्यालय में आई हैं।

दिल्ली में लोकायुक्त के पद पर नियुक्ति की मांग को लेकर पिछले काफी समय से सोशल एक्टिविस्ट भी आवाज उठा रहे थे। इससे पहले फरवरी में दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करके आम आदमी पार्टी सरकार को एक महीने के अंदर लोकायुक्त नियुक्त करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था। याचिकाकर्ता अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि राजनीतिक दल ऐतिहासिक भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद अस्तित्व में आया था।

लेकिन दिसंबर 2020 से लोकायुक्त का पद खाली पड़ा है। याची ने आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार रिश्वतखोरी, काला धन, बेनामी संपत्ति, कर चोरी, मुनाफाखोरी समेत अन्य आर्थिक अपराध को खत्म करने के लिए कदम नहीं उठा रही है। इसलिए  मौलिक अधिकारों के संरक्षक के नाते अदालत को लोकायुक्त की नियुक्त के मामले में दखल देना पड़ेगा।  याचिका में कहा गया था कि न्यायमूर्ति रेवा खेत्रपाल के दिल्ली लोकायुक्त के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद से सरकार ने आज तक इस पद पर नियुक्ति के लिए कुछ नहीं किया और भ्रष्टाचार से संबंधित सैकड़ों शिकायतें कार्यालय में लंबित हैं। याचिका में कहा गया था कि ऐतिहासिक भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद आप का गठन किया गया था। लेकिन वही पार्टी लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं कर रही है जो कई मोर्चों पर राज्य के खराब प्रदर्शन की पुष्टि करता है।