वैश्विक स्तर पर गेहूं की कमी से घरेलू कीमतों पर भी असर पड़ रहा है। कुछ प्रमुख उत्पादक देशों के निर्यात पर पाबंदियों और युद्ध के कारण सूरजमुखी तेल के उत्पादन में कमी से खाद्य तेल के दाम मजबूत बने रह सकते हैं। पशुचारे की लागत बढ़ने से पॉल्ट्री, दूध और डेयरी उत्पादों के दाम बढ़ सकते हैं। कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बने हुए हैं।महंगाई काबू में करने के लिए रेपो दर अचानक बढ़ाने के बाद आरबीआई अगले महीने यानी जून में झटका देने की तैयारी में है। जानकारों का कहना है, केंद्रीय बैंक जून में भी मौद्रिक नीति समिति रेपो दर में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकती है।