गाजियाबाद के दुहाई डिपो में पहुंची देश की पहली रीजनल रैपिड रेल को अब टेस्टिंग यार्ड में लाकर खड़ा कर दिया गया है। ट्रेन को यार्ड तक लाने के लिए क्रेन की मदद लेनी पड़ी, जिससे खींचकर उसको यार्ड तक पहुंचाया गया। रैपिड रेल का निर्माण करने वाली एलस्टॉम कंपनी के प्लांट गुजरात से इंजीनियरों की टीम दुहाई डिपो में पहुंच गई है। ट्रेन को स्टार्ट करने काम गुजरात के इंजिनीर्स करेंगे।

नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट सिस्टम का टारगेट है कि इस रैपिड रेल का ट्रायल रन हर हाल में अगस्त-2022 तक कर लिया जाए। ट्रायल रन फर्स्ट फेज में गाजियाबाद में साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच होगा, जिसकी दूरी 17 किलोमीटर की है। इस बीच रेल पटरियां बिछ चुकी हैं। तीन दिन पहले सिग्नल लगाने समेत अन्य तकनीकी काम शुरू हो चुका है। फर्स्ट फेज में हम रैपिड रेल का संचालन साल-2023 से शुरू कर देंगे। इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं। रैपिड रेल का पहला स्टेशन दिल्ली के सराय काले खां और आखिरी स्टेशन मेरठ के मोदीपुरम में है। इन दोनों स्टेशनों की दूरी 82 किलोमीटर है। फर्स्ट फेज में साल-2023 में साहिबाबाद से दुहाई, दूसरे फेज में साल-2024 में दुहाई से मेरठ के शताब्दीनगर और 2025 में इस पूरे कॉरिडोर पर रैपिड रेल चलाने का टारगेट है। इस पूरे कॉरिडोर पर दो डिपो बनाए गए हैं। पहला दुहाई और दूसरा मोदीपुरम में है।