प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में ‘वीर बाल दिवस’ के मौके पर आयोजित ऐतिहासिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री करीब तीन सौ बाल कीर्तनियों की ओर से प्रस्तुत शब्द कीर्तन में भी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने यह जानकारी दी है। पीएमओ ने एक बयान में कहा कि पीएम मोदी लगभग 300 बाल कीर्तनियों द्वारा किए जाने वाले "शब्द कीर्तन" में शामिल होंगे और इस मौके पर प्रधानमंत्री करीब तीन हजार बच्चों के मार्च पास्ट को झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। साहिबजादों के अनुकरणीय साहस के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सरकार देश भर में आपसी संवाद पर आधारित सहभागिता कार्यक्रम आयोजित कर रही है। बयान में कहा गया कि सरकार नागरिकों, विशेष रूप से छोटे बच्चों को सिखों के अंतिम गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों के अनुकरणीय साहस की कहानी के बारे में बताने के लिए पूरे देश में संवादात्मक और सहभागी कार्यक्रम आयोजित कर रही है, जिन्होंने अपनी आस्था की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर कर दिए थे।

देश भर के स्कूल और कॉलेज में निबंध लेखन, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं और अन्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि रेलवे स्टेशन, पेट्रोल पंप और हवाई अड्डे जैसे सार्वजनिक स्थानों पर डिजिटल प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी। इस साल नौ जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की थी कि 26 दिसंबर को सिख गुरु के बेटों जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने रविवार को सिख समुदाय से कहा कि गुरु गोबिंद सिंह के बेटों के शहादत दिवस को ‘वीर बाल दिवस’ की जगह ‘साहिबजादे शहादत दिवस’ के रूप में मनाएं। धामी ने कहा कि साहिबजादों के शहादत दिवस को भारत सरकार की ओर से ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाना महान विश्व के धार्मिक इतिहास में शहादत को कमतर करने की एक दुर्भावनापूर्ण साजिश है।उन्होंने कहा कि यदि सरकार वास्तव में साहिबजादों को श्रद्धांजलि देना चाहती है, तो इस दिन को 'साहिबजादे शहादत दिवस' के रूप में मनाने में क्या परेशानी है।