नई दिल्ली । सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) गलियारों के निर्माण के लिए एनसीआरटीसी के साथ दिल्ली मेरठ आरआरटीएस की तर्ज पर एमओयू साइन करने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए आप सरकार एक कैबिनेट नोट को अंतिम रूप देने की मुहिम से जुड़ी है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने दिल्ली-शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़ कॉरिडोर में संशोधन के लिए एक मसौदा कैबिनेट नोट जारी किया है, जिसमें योजना, कानून और वित्त विभागों से प्रतिक्रिया मांगी गई हैं। दिल्ली के एक अधिकारी के मुताबिक परियोजनाओं को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद दोनों गलियारों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक दोनों योजनाओं पर बहुत जल्द दिल्ली कैबिनेट फैसला ले सकती है। रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम एक हाई स्पीड रेल नेटवर्क है। इसकी रफ्तार 160 से लेकर 180 किलोमीटर के बीच हो सकती है। रेलवे को नई-नई तकनीकों से सुविधा संपन्न बनाने के लिए इस ट्रेन की शुरुआत की गई है। दिल्ली गाजियाबाद मेरठ आरआरटीएस का अभी सिर्फ पहला चरण खोला गया है। आरआरटीएस को चलाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम बनाया गया है। इस परियोजना के तहत अभी साहिबाबाद से दुहाई तक ही परिचालन संभव हो पाया है। जबकि इसे दिल्ली के सराय काले खान से लेकर मेरठ के मोदीपुरम तक चलाने की योजना है। शेष हिस्सों पर लाइन और स्टेशन विकसित करने का काम जारी है।भारत के प्रथम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम को बनाने के लिए भी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम मुख्य भूमिका निभाएगा, जो रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के निर्माण और देखरेख की जिम्मेदारी निभाएगा।