गर्मी में बिजली की बढ़ी मांग और कोयले की किल्लत से संकट खड़ा हो गया है। रोजाना 14 रैक कोयले की जगह प्रदेश को 10 रैक कोयला ही मिलने से परेशानी बढ़ गई है। इससे आने वाले समय में गंभीर बिजली संकट होने की आशंका बढ़ गई है।प्रदेश में बिजली की मांग 12 हजार मेगावाट की है, लेकिन 10 हजार मेगावाट बिजली ही मिल रही है। 2 हजार मेगावाट बिजली की कमी के लिए ग्रामीण इलाकों में अघोषित कटौती शुरू कर दी गई है। एमपी पावर जनरेटिंग कंपनी को थर्मल प्लांट्स चलाने के लिए प्रतिदिन 58 हजार मीट्रिक टन कोयले की जरूरत है, लेकिन करीब 50 हजार मीट्रिक टन ही कोयला मिल रहा है।