नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की में जनसंख्या वृद्धि दर  में साल दर साल कमी आई है। इसके बावजूद राजधानी की जनसंख्या में तेजी बढ़ोतरी सभी की चिंता को बढ़ाने वाली है। दिल्ली सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी की जनसंख्या 2036 तक बढ़कर 2.65 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। साफ है कि दिल्ली जनसंख्या विस्फोट  के मुंहाने पर खड़ा है? ये सवाल इसलिए भी पूछे जा रहे हैं कि दिल्ली की आबादी एरिया के लिहाज से पहले से ही काफी ज्यादा है। दिल्ली में महिलाएं और पुरुष-2023 शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार 2036 तक दिल्ली की जनसंख्या बढ़कर 2,65,91,000 हो जाएगी। इनमें 1,25,89,000 महिलाएं और 1,40,02,000 पुरुष शामिल होंगे। अनुमान के मुताबिक साल 2036 में शहर की आबादी में महिलाएं 47.34 प्रतिशत होंगी, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 48.78 प्रतिशत है। शहरीकरण की तीव्र गति के कारण दिल्ली देश के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक है। जनगणना 2011 के अनुसार दिल्ली की जनसंख्या 1,67,87,941 थी, जिसमें 78,00,615 महिलाएं और 89,87,326 पुरुष थे। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार दिल्ली में महिलाओं की आबादी शहर की कुल आबादी का 46.47 प्रतिशत है। दिल्ली का लिंग अनुपात प्रति हजार पुरुष 868 है। साल 2036 तक लिंगानुपात में सुधार होने की संभावना है। अनुमान के मुताबिक 2036 तक प्रति हजार पुरुष दिल्ली में महिलाओं की संख्सा 899 होने का संभावना है। यह वर्तमान राष्ट्रीय स्तर पर लिंग अनुपात से कम होगा, जो इसी अवधि में 943 से बढ़कर 952 होने का अनुमान है। बता दें कि 2010 में दिल्ली में जनसंख्या वृद्धि दर 3.3 प्रतिशत, 2020 में 3.03 प्रतिशत, 2021 में 2.94 प्रतिशत, 2022 में 2.84 प्रतिशत और 2023 में 2.73 तक पहुंचने का अनुमान है। 2030 तक जनसंख्या वृद्धि दर घटकर 2.26 फीसदी तक पहुंचने का पूर्वानुमान है।