भारत के स्वतंत्रता संग्राम में दिल्ली के गुमनाम नायकों के योगदान का सम्मान करने के लिए देश की राजधानी के पार्कों का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा। उपराज्यपाल अनिल बैजल की हरी झंडी के बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण ने सोमवार को दिल्ली सरकार को 16 पार्कों की पहली सूची भेजी दी है। डीडीए की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी। दिल्ली के एलजी अनिल बैजल ने यह फैसला पिछले दिसंबर में लिया था, जिसके अनुसार शहर के पार्कों और छोटे स्मारकों का नाम दिल्ली के उन लोगों के नाम पर रखा जाएगा, जो स्वतंत्रता सेनानी थे, लेकिन उनके बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते हैं।

इसके लिए डीडीए और नगर निगमों को ऐसे पार्कों की पहचान करने का निर्देश दिया गया था। राज्य सरकार के कला और संस्कृति विभाग को उन स्मारकों को चिन्हित करने के लिए कहा गया था, जिनका नाम गुमनाम नायकों के नाम पर रखा जा सकता है। अधिकारियों के मुताबिक 29 मार्च को एलजी ने डीडीए के 16 पार्कों का नाम बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। डीडीए ने इन पार्कों की सूची और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम उनकी आत्मकथाओं के साथ दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग के अलावा राज्य प्राधिकरण के साथ शेयर किए थे।

ये पार्क दिल्ली विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आते हैं और इनका कोई नाम नहीं है। ऐसे में डीडीए इन पार्कों का नाम रख सकती है। 16 नायकों में भगत सिंह का बचाव करने वाले वकील आसफ अली और 8 अप्रैल 1929 को केंद्रीय विधानसभा में बम फेंकने वाले बटुकेश्वर दत्त जैसे नाम शामिल हैं। इसके अलावा 23 दिसंबर 1912 को चंडी चौक पर भारत के वायसराय लॉर्ड हार्डिंग पर बम फेंकने वाले भाई बालमुकुंद, मास्टर आमिर चंद, जो लाहौर बम मामले में आरोपी थे और गदर पार्टी बनाने वाले लाला हरदयाल, कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों, जनरल शाह नवाज खान, गोविंद बिहारी लाल, सत्य वटी, कर्नल प्रेम सहगल, बसंत कुमार विश्वास, डॉ। सुशीला नैयर, हकीम अजमल खान, बृज कृष्ण चांदीवाला, स्वामी श्रद्धानंद और दीनबंधु सीएफ एंड्रयूज के नाम पर भी पार्क और भवन होंगे।