भोपाल । मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी के आदेशों का अफसर पालन ही नहीं कर रहे हैं। पहले एक कनिष्ठ अभियंता ने तबादले के आदेश पर अमल नहीं किया अब अधीक्षण यंत्री ने भी आदेश के बावजूद अमल नहीं किया। बीते दो फरवरी को अधीक्षण यंत्री संजय तिवारी का तबादला अमरकंटक ताप गृह में किया गया था लेकिन अभी तक संजय तिवारी कार्यमुक्त नहीं हुए है।
इनके पास बिरसिंहपुर के संजय गांधी ताप गृह में 500 मेगावाट की इकाई का प्रबंधन था। इस इकाई में बीते अक्टूबर माह से लगातार खराबी आई। इस वजह से कंपनी को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। कई बार विशेषज्ञों को भी इस सुधार के लिए करोड़ों रुपये खर्च करना पड़ा। बता दें कि बीते अक्टूबर 2021 से 500 मेगावाट की इस इकाई में लगातार बायलर ट्यूब लीकेज की समस्या आ रही थी जिसकी वजह से ऊर्जा विभाग से संजय गांधी ताप गृह की खामियों को चिन्हित करने के लिए जांच दल का गठन किया था जिसकी सिफारिश के बाद विभागीय स्तर पर बदलाव किया गया था। उस आधार पर ऊर्जा विभाग के निर्देश पर यह बदलाव किया गया लेकिन अभी तक इस पर अमल नहीं हो सका है।
10 लाख रुपये की गड़बड़ी करने का आरोप
यहां बता दें कि बिरसिंहपुर ताप गृह में ही कनिष्ठ अभियंता पर राखड़ ढुलाई में करीब 10 लाख रुपये की गड़बड़ी करने का आरोप था जिसकी शिकायत पर जांच करवाई गई थी। उस शिकायत की जांच में आरोप साबित हुए थे इसके बाद कंपनी प्रबंधन ने कनिष्ठ अभियंता का तबादला किया था लेकिन कनष्ठि अभियंता रामाश्रय शर्मा आदेश जारी होने के बावजूद पद पर कार्यरत रहे। मामला जब दोबारा कंपनी प्रबंधन के संज्ञान में आया तब जाकर कनिष्ठ अभियंता को कार्यमुक्त किया गया।