मोबाइल पर बस ट्रैकिंग की सुविधा भी रहेगी


भोपाल । राजधानी और इंदौर सहित प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में अब नॉन मोटराइज्ड (जो वाहन बिना डीजल-प्रट्रोल के चलते हैं व्हीकल लेन अलग से बनाई जाएगी। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन बाजार में इन वाहनों के लिए स्टैंड होंगे। जहां सामान्य शुल्क देने पर इन्हें खड़ा करने की सुविधा मिलेगी। साथ ही भीड़भाड़ वाले बाजारों और क्षेत्रों में मोटर व्हीकल को प्रतिबंधित किया जाएगा। सरकार ने लोक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने, नए बस स्टॉप बनाने और पुराने बस स्टापों के निर्माण सहित लोक परिवहन सुविधाओं के आधुनिकीकरण के लिए 80 करोड़ रुपए का बजट दिया है। निकायों को लोक परिवहन सेवा में सुधार, नई सेवाएं उपलब्ध करने, नए बस स्टैंड, पुरानों की मरम्मत के अलावा वहां यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं देने का प्रस्ताव तैयार करना होगा। प्रस्ताव के आधार पर निकायों को राशि जारी की जाएगी। बताया जाता है कि डेडिकेटेड अर्बन ट्रांसफोर्ट फंड के लिए सिर्फ 15 शहरों ने रुचि दिखाई है। गुना के अलावा ये सभी निकाय नगर निगम हैं, लेकिन इन शहरों ने अभी प्रस्ताव नहीं भेजा है। कार्यों के आधार पर निकायों को फंड दिया जाएगा। हालांकि इन शहरों में लोक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने और लोगों की सुविधा के अनुसार सेवाएं देने के लिए करीब चार से पांच करोड़ रुपए हर शहर को दिए जाएंगे।

मेट्रो की कनेक्टिविटी होगी
भोपाल-इंदौर शहर में नए-नए रूट तय होंगे। इनको मेट्रो स्टेशनों से जोड़ेंगे। मेट्रो स्टेशन पर बस स्टैंड और पार्किंग भी बनेंगे। इसमें सबसे ज्यादा जगह नॉन मोटराइज्ड वाहनों को मिलेगा। जिससे लोग साइकिल, रिक्शा और ई-व्हीकल का उपयोग करेंगे। इन शहरों में नए सिरे से बस रूट चार्ट तैयार होंगे। इनमें बसों का संचालन भी अनिवार्य रूप से ऑपरेटरों को करना होगा।

मोबाइल एप्लीकेशन
निकायों को लोक परिवहन सेवाओं से जुड़े तमाम तरह के मोबाइल एप्लीकेशन तैयार करने होंगे। साथ ही इन एप्लीकेशन के संबंध में लोगों को जागरूक करना होगा। परिवहन सेवा को सुलभ बनाने के लिए मैट्रो स्टेशन और बस स्टैंड पर पीपीपी मोड पर साइकिल उपलब्ध की व्यवस्था कराई जाएगी। जिससे लोग इनके जरिए गंतव्य स्थल मेट्रो पर सवार हो सकें।