भोपाल । राजधानी में 30 साल पहले बिछाई गई पाइप लाइन जर्जर हो गई है। कोलार परियोजना की तीस किलोमीटर लाइन में करीब 50 से अधिक लीकेज है। इन लीकेज के सुधारकार्य की वजह महीने में दो से तीन बार जलप्रदाय बाधित होता है। लेकिन अब नई पाइपलाइन बिछाने से रहवासियों को बार-बार शटडाउन की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। कोलार परियोजना से जल प्रदाय होने वाले 80 फीसदी इलाके में नई पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है। इसके लिए 31 अप्रैल तक की डेडलाइन तय की गई है। मई से कोलार परियोजना का पानी नई पाइपलाइन से सप्लाई किया जाएगा।
जलकार्य शाखा के अधिकारियों ने बताया कि कोलार से नारियलखेड़ा तक पानी पहुंच गया है। 56 किलोमीटर की पाइपलाइन की टेस्टिंग भी हो गई है। मई में इस पाइप लाइन से सप्लाई शुरु की जाएगी। इससे बार-बार सप्लाई ब्रेक होने की समस्या नहीं होगी। पवार ने बताया कि करीब दो सौ करोड़ रुपये खर्च कर यह पाइप लाइन बिछाई गई है। पहले जो पाइप लाइन बिछाई गई थी, वो सीमेंट, कांक्रीट की थी। जिससे इनमें लीकेज की समस्या आ रही थी। वहीं इसे बिछाए हुए चालीस साल का समय बीत चुका है, इससे यह जर्जर हो गई है। अब नई पाइप लाइन कास्ट आयरन की बिछाई जा रही है, जो सीमेंट, क्रांकीट की पाइप लाइन से अधिक मजबूत है।
नई पाइप लाइन से 10 करोड़ लीटर पानी बचेगा
शहर में पानी की जरूरत पूरी करने के लिए तीन बड़े जल स्रोतों से लिए जाने वाले 33 करोड़ लीटर पानी में से 30 फीसदी यानी करीब 10 करोड़ लीटर पानी लीकेज से बर्बाद हो जाता है। जानकारों का कहना है कि यदि इस पानी को बचा लिया जाए, तो रोजाना साढ़े सात लाख लोगों की पानी की जरूरत पूरी की जा सकती है।