भोपाल । मध्य प्रदेश में महिला कांग्रेस मुश्किल में है। विवाद के कारण डेढ़ महीने पहले कार्यकारिणी भंग कर दी गयी और अध्यक्ष को हटा दिया गया था। अध्यक्ष तो नयी मिल गयीं लेकिन अब तक नयी कार्यकारिणी नहीं बन पायी है। पार्टी को डर है कि नियुक्तियों को लेकर फिर कहीं विवाद न खड़ा हो जाए।मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी में जिला अध्यक्ष और प्रदेश कार्यकारिणी के गठन को लेकर प्रदेश इकाई मुश्किल में है। फरवरी में प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यकारिणी को विवादों के कारण भंग कर दिया गया था लेकिन डेढ़ महीने बाद भी महिला कांग्रेस नई कार्यकारिणी का गठन नहीं करपाई है।

ऐसे चेहरों की तलाश
3 महीने पहले प्रदेश महिला कार्यकारिणी का ऐलान हुआ था। जिन जिलों में  महिला विंग तैयार की गई थी, वहां विवाद होने और पदाधिकारियों के इस्तीफे के बाद पूरी कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया था। प्रदेश महिला कांग्रेस की कमान अब विभा पटेल के हाथ में है। लेकिन करीब डेढ़ महीने बाद भी प्रदेश इकाई का गठन नहीं हो पाया है। पिछले विवाद से बचने के लिए प्रदेश इकाई ऐसे महिला चेहरों की तलाश करने में लगी है जो नियुक्ति के बाद पार्टी को बाय-बाय ना कर दें। यही कारण है डेढ़ महीने बाद भी प्रदेश इकाई के साथ जिलों में महिला विंग की टीम तैयार नहीं हो पा रही है।

जल्द गठन का वादा
महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल का कहना है जल्द प्रदेश कार्यकारिणी और जिला अध्यक्षों के नाम का ऐलान होगा। हालांकि सभी जिलों में अध्यक्षों के नाम का ऐलान अभी नहीं होगा। चरणबद्ध तरीके से दो से तीन सूचियों में जिलों में इकाइयों का गठन होगा। कांग्रेस को उन जिलों में सबसे ज्यादा डर है जहां इससे पहले महिला कांग्रेस कार्यकारिणी और जिला इकाइयों के गठन के कारण विवाद खड़ा हो गया था और इस्तीफों की झड़ी लग गई थी। इसलिए नई कार्यकारिणी को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रख रही महिला कांग्रेस नामों के ऐलान से पहले ऐसे चेहरों की तलाश करने में लगी है जो किसी तरह का विवाद ना खड़ा करें।

नियुक्तियों पर था विवाद
पहले प्रदेश महिला कांग्रेस की कमान इंदौर की अर्चना जायसवाल के पास थी। लंबी कवायद के बाद तत्कालीन अर्चना जायसवाल ने 30 जनवरी 2022 को कार्यकारिणी बनायी थी। लेकिन नियुक्तियों को लेकर इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर में महिला कांग्रेस में असंतोष फैल गया और इस्तीफों की झड़ी लग गयी। उसके बाद ऑल इंडिया महिला कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश इकाई भंग कर दी। अब महिला कांग्रेस नई कार्यकारिणी के गठन के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। प्रदेश विधानसभा चुनाव में डेढ़ साल का समय बाकी रह गया है। ऐसे में कांग्रेस की कवायद कब तक पूरी हो पाती है इसका सभी को इंतजार है।