कोल इंडिया लिमिटेड की इकाई महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड चालू वित्त वर्ष (2021-22) में 15।7 करोड़ टन से अधिक कोयला उत्पादन करके देश की अग्रणी कोयला उत्पादक कंपनी बन गई है। कंपनी की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि 12 मार्च 2022 को कंपनी ने 7।62 लाख टन सूखे ईंधन  का उत्पादन किया, जो चालू वित्त वर्ष के दौरान एक दिन में सबसे अधिक है। इस वर्ष कोयला उत्पादन पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग 16 फीसदी की वृद्धि के साथ 15।77 करोड़ टन तक पहुंच गया है। एमसीएल ने ग्राहकों को 16।6 करोड़ टन सूखे ईंधन की आपूर्ति की जो पिछले वर्ष के मुकाबले 22 फीसदी अधिक है। भारत बड़े पैमाने पर कोल का आयात करता है। भारत एक साल में 50-55 मिलियन टन कोयले का आयात करता है। एमसीएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ओ पी सिंह ने कंपनी को देश की अग्रणी कोयला उत्पादन कंपनी बनाने में योगदान देने के लिए सभी अधिकारियों, कर्मचारियों तथा हितधारकों को बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने में एमसीएल को बड़ी भूमिका निभानी है।’’

कोयले का इस्तेमाल बिजली संयंत्रों में बिजली उत्पादन को ईंधन के रूप में होता है। वहीं कोकिंग कोयला इस्पात विनिर्माण का प्रमुख कच्चा माल है। भारत अपनी कोकिंग कोयले की 85 फीसदी जरूरत आयात से पूरी करता है।रूस-यूक्रेन क्राइसिस का कोयले की कीमत पर भारी असर हुआ है। ग्लोबल कोल सप्लाई में केवल रूस का योगदान 10-15 फीसदी के बीच है। हालांकि, भारत अपनी जरूरत का अधिकतम हिस्सा इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया से आयात करता है। ग्लोबल मार्केट में जब से इसकी कीमत में तेजी आनी शुरू हुई है, इंपोर्ट में गिरावट और डोमेस्टिक प्रोडक्शन में तेजी का ट्रेंड देखा जा रहा है।