भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार इस साल 100 लाख टन गेहूं की खरीद करेगी। गेहूं की खरीदी करने के लिए सरकार 50000 करोड रुपए का कर्ज लेने जा रही है। इसके लिए विभागीय प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है। जल्द ही मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिए इसे कैबिनेट में रखा जाएगा। पिछले साल की तुलना में इस साल सरकार लगभग 14000 करोड रुपए का ज्यादा कर्ज लेगी। वर्ष 2023-24 में मध्य प्रदेश सरकार ने 70 लाख टन गेहूं खरीदा था। इस बार 100 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य पर 2021-22 में सबसे ज्यादा 129 लाख टन गेहूं की खरीदी की थी। 
गेहूं का समर्थन मूल्य वर्ष 2024 25 के लिए 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। बाजार में गेहूं का रेट वर्तमान में 2500 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव का जो संकल्प पत्र जारी किया था। उसमें समर्थन मूल्य पर बोनस जोड़कर 2700 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदने और 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का वायदा किसानों से किया था। 
मध्य प्रदेश में धान की खरीदी हो चुकी है। गेहूं की खरीदी शुरू होने जा रही है। अभी तक सरकार ने घोषणा पत्र के अनुसार धान की खरीदी में बोनस का भुगतान किसानों को नहीं किया है। गेहूं की खरीदी में सरकार बोनस देगी, या नहीं। यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। मध्य प्रदेश सरकार ने चुनावी घोषणा में 425 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं पर बोनस देने की घोषणा की थी। 
मध्य प्रदेश की सरकार गेहूं खरीदी के लिए अभी तक का सबसे बड़ा ऋण लेने जा रही है। सरकार ने अभी तक बोनस के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। सरकार ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। जिसके कारण मध्य प्रदेश के किसान और  किसान यूनियन आंदोलित है। किसानों का कहना है, सरकार अपने वायदे को पूरा करे। किसानों को धान और गेहूं की खरीदी पर बोनस का भुगतान किसानों को करे।