महाराष्ट्र अव्वल नंबर पर, भोपाल स्वच्छतम राजधानी बनी


 भोपाल ।  स्वच्छता रैंकिंग में मप्र को दूसरे सबसे स्वच्छ राज्य का दर्जा मिला है। महाराष्ट्र इस मामले में पहले नंबर पर आया है।स्वच्छ सर्वे 2023 के नतीजे गुरुवार को घोषित कर दिए गए। नई दिल्ली के भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु विजेताओं को पुरस्कार प्रदान कर रही हैं। इस कार्यक्रम में शिरकत करने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नगरीय एवं विकास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी भी दिल्ली पहुंचे हैं।  प्रदेश भर में आम लोगों से मिली प्रतिक्रिया (फीडबैक), स्वच्छता को लेकर प्रदेश भर में चलाई गई परियोजनाएं, बजट आवंटन आदि के आधार पर प्रदेशों की स्वच्छ रैकिंग तय की जाती है। स्वच्छ राज्यों में छत्तीसगढ़ तीसरे नंबर पर रहा। पिछले साल मप्र को देश का सबसे स्वच्छ राज्य चुना गया था, वहीं छत्तीसगढ़ दूसरे नंबर पर था। इस तरह दोनों राज्यों की रैंकिंग एक-एक पायदान गिरी है। भोपाल को देश की स्वच्छतम राज्य राजधानी का खिताब मिला है। भोपाल ने पिछले साल भी यह तमगा हासिल किया था। स्वच्छ शहरों की प्रतिस्पर्धा में भोपाल भी दावेदार है। हालांकि भोपाल की रैकिंग क्या होगी, अभी इसका पता नहीं है। लेकिन नगर निगम के अधिकारी पांचवे नंबर पर आने का दावा कर रहे हैं। इसका पुरस्कार लेने के लिए महापौर मालती राय के साथ नगर निगम के अन्य अधिकारी दिल्ली पहुंच गए हैं। बता दें कि वर्ष 2017 और 2018 में भोपाल देश का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर था। इसके बाद से हर वर्ष पिछड़ता जा रहा है। वहीं इंदौर शुरुआत से ही लगातार नंबर वन पर बना हुआ है। उसने अब तक स्वच्छतम शहर का अपना ताज बरकरार रखा है। हालांकि बीते वर्ष भोपाल 17वें स्थान से उछलकर 11वें पर पहुंचा था। शहर की वर्तमान आबादी 24 लाख पहुंच गई है। निगम के 19 जोन व 85 वार्ड में साफ-सफाई का जिम्मा नगर निगम के नौ हजार कर्मचारियों के पास है। जिसमें से सात हजार कर्मचारी सिर्फ स्वास्थ्य विभाग में दैनिक वेतनभोगी हैं। हर जोन में एक प्रभारी सहायक स्वास्थ्य, हर वार्ड में एक दरोगा और हर वार्ड में 25 से 30 कर्मचारी रोजाना साफ-सफाई करते हैं। लेकिन निगम अधिकारी सिर्फ एनजीओ और सलाहकारों पर निर्भर हैं। कर्मचारियों के श्रम से ज्यादा एनजीओ को तबज्जो दी जाती है। इसलिए हर साल नगर निगम पिछड़ रहा है। बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की रैंकिंग 11 जनवरी को जारी करने की घोषणा पांच जनवरी को की गई थी। अब गुरुवार को दिल्ली में केन्द्रीय शहरी आवासन मंत्रालय देशभर के स्वच्छ शहरों के रैकिंग की घोषणा करेगा। साथ नगरीय निकायों की स्वच्छता में रैकिंग की घोषण भी होगी। इधर सर्वे में अच्छी रैंकिंग के संकेत मिलते ही स्वच्छता सर्वेक्षण के मुख्य कार्यक्रम में शामिल होने भोपाल नगर निगम की महापौर मालती राय सहित निगम कमिश्नर फ्रैंक नोबल ए, अपर आयुक्त विनीत तिवारी, उपायुक्त योगेन्द्र पटेल और एनजीओ की टीम दिल्ली पहुंच गई।