नई दिल्ली। बेलगाम हो चुकी महंगाई से निम्न व मध्यम वर्ग पर खासा बोझ बढ़ गया है। सभी की जुबां पर बस महंगाई की ही चर्चा है। सब्जी हो या तेल, आटा हो या दूध, सभी के बढ़ते दाम का असर रसोई के बजट पर पड़ा है। इस बोझ को करने के लिए लोग अन्य खर्च में कटौती कर रहे हैं। पेट्रोल-डीजल के साथ सीएनजी के लगातार बढ़ते दाम का असर फल, सब्जी, आटा, दूध और तेल के दामों पर पढ़ रहा है। वर्तमान समय में हालत यह है कि बढ़ती महंगाई के कारण लोगों का खर्च तीन गुना बढ़ गया है।

पहाड़गंज निवासी देव कुमार ने बताया कि पेट्रोल के दाम में लगातार बढ़ोतरी ने मेरे बजट को हिला दिया है। पहले हर दिन गाड़ी से अपने काम पर जाता था, लेकिन अब ज्यादा जरूरी होने पर ही गाड़ी लेकर जाता हूं। ऐसा इसलिए भी करना पड़ा, क्योंकि घर का बजट असंतुलित हो गया है। पहले के मुकाबले एक बार गाड़ी की टंकी भरवाने में 350 से 400 रुपये का अंतर आ गया है और एक में तीन बार भरवाने पर 1200 रुपये तक अतिरिक्त खर्च होता है।चांदनी चौक के फतेहपुरी मस्जिद निवासी चंचल ने बताया कि महंगाई बढ़ने से घर का खर्चा संभलकर चलाना पड़ रहा है। खर्च तो लगातार बढ़ रहा है, लेकिन उसके सापेक्ष वेतन नहीं बढ़ा। ऐसे में घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। अब खाने में सब्जी हो या दाल, उसे इस तरह संतुलित करना पड़ रहा है कि रसोई का बजट नियंत्रित रहे।