भोपाल । रूस और यूक्रेन युद्ध का असर मार्केट में दिखने लगा है। 4 दिन पहले 2 हजार रुपए प्रति क्विंटल बिकने वाला गेहूं 2300 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। आने वाले दिनों में इसके और महंगा होने के आसार हैं। इसी तरह रूस से इम्पोर्ट होने वाले वाले स्टील रॉ मटेरियल की आवक भी थम गई है। जिससे इसके दाम तेजी से बढ़े हैं। इसी तरह रूस से इम्पोर्ट होने वाले सन फ्लावर सीड्स की आवक भी प्रभावित हुई है।
पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी के मुताबिक स्टील आइटम का रॉ मटेरियल उद्योग क्षेत्र में पिग आयरन के रूप में जाना जाता है। इसका उपयोग कास्टिंग व मोल्डिंग के लिए ऑटो मोबाइल, रेलवे सहित कई आइटम्स में होता है। इंदौर और पीथमपुर के औद्योगिक क्षेत्रों में भी बड़ी मात्रा में स्टील का इम्पोर्ट किया जाता है। युद्ध छिडऩे के बाद इसमें 40 से 200 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। युद्ध के पहले इसकी कीमत 30 रुपए से 35 रुपए प्रति किलो थी, जो बढ़कर 67 से 72 रुपए प्रति किलो हो गई है। इसकी उपलब्धता भी बहुत कम हो गई है। इसके चलते कीमतों में उठाव है। रॉ मटेरियल की कीमत बढऩे से इससे जुड़े आइटमों की कीमतें भी फिर उसी अनुपात में बढ़ी है।
ड्राय फ्रूट्स और खड़े मसालों में 2 प्रतिशत इजाफा
सियागंज व्यापारी अनिल अग्रवाल के मुताबिक अभी ईरान से पिस्ता और अफगानिस्तान से अन्य ड्राय फ्रूट्स इम्पोर्ट होते हैं, लेकिन इन दिनों शिपिंग मैनेजमेंट बिगडऩे और तीन गुना चार्ज बढऩे से इसका असर इंदौर के व्यापार पर हुआ है। ड्राय फ्रूट्स और खड़े मसाले में 2 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। अगर ऐसी ही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में इनकी कीमतें 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।
एक हफ्ते 500 रुपए तक बढ़ सकती है गेहूं की कीमत
इंदौर छावनी अनाज मंडी के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि तेजी से गेहूं यहां से एक्सपोर्ट हो रहा है, मंडी में आवक कम हुई है। गेहूं की कीमत 4 दिन में 2300 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गई है। जो अगले हफ्ते तक 500 रुपए और बढ़ सकती है। खास बात यह कि गेहूं वाला मुद्दा जन-जन से जुड़ा है। लोग मार्च-अप्रैल में घरों में थोक में गेहूं भरवाना शुरू कर देते हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में उनका बजट बिगड़ सकता है।
फूड प्रोसेसिंग आइटम्स की भी बढ़ेगी कीमतें
युद्ध से यूक्रेन से इम्पोर्ट होने वाला सनफ्लावर सीड्स भी प्रभावित हुआ है। ऐसे में खाद्य तेल की कीमतों में और बढ़ोतरी होने की संभावना जताई गई है। ऐसे फूड प्रोसेसिंग से जुड़े आइटम भी अब जल्द ही महंगे होने के संकेत हैं। युद्ध से दूसरे देशों से इम्पोर्ट होने वाले आइटम की कीमतों में भी इजाफा होगा।