भोपाल ।  सरकारी स्कूलों के पांचवीं-आठवीं कक्षा के चल रहे मूल्यांकन के दौरान मूल्यांकन केंद्रों पर भारी अव्यवस्थाएं सामने आ रही है, लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा इस बार पांचवीं-आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर आयोजित की गई है। मूल्यांकन कार्य बीती 16 अप्रैल से शुरू हुआ है। मूल्यांकन कार्य सुबह साढ़े 10 से पांच बजे तक चल रहा है। रातीबड़ कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल में सोमवार से आठवीं के विद्यार्थियों का मूल्यांकन शुरू हुआ। इस मूल्यांकन केंद्र पर बिजली कटी पड़ी है। पीने का पानी तक नहीं है। पंखे भी खराब पड़े है। सोमवार को 74 शिक्षक कापी जांचने पहुंचे। इन सभी शिक्षकों को भीषण गर्मी में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।मूल्यांकन केंद्रों पर अव्यवस्थाओं का अंबार है। प्रायमरी व मिडिल स्कूलों के लिए चल रही योजनाओं को लागू करने में डीपीसी कार्यालय अन्य जिलों से पीछे है। बावजूद इसके राज्य शिक्षा केंद्र के अफसर इसमें सुधार नहीं कर पा रहे है। अध्यापक संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र कौशल का कहना है कि मूल्यांकन केंद्रों को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को कई बार निवेदन किया है कि मूल्यांकन केंद्रों का निर्धारण नजदीकी संकुल केंद्रों पर बनाया जाए। भीषण गर्मी को देखते हुए सुबह की पाली में मूल्यांकन कराया जाए। भीषण गर्मी में मूल्यांकन केंद्रों पर कोई व्यवस्था नहीं है। इसी का नतीजा है कि भीषण गर्मी में पहुंचे शिक्षक ने मूल्यांकन केंद्र पर दम तोड़ दिया। संगठन की शासन से मांग है कि दिवंगत शिक्षक के आश्रित परिवार को समूचित मुआवजा दिया जाए।इस बारे में रातीबड़ कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल की प्राचार्य गीता रूसिया का कहना है कि स्कूल में मूलभूत सुविधाओं की समस्या थी। जिन्हें दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। सोमवार को मूल्यांकन का पहला दिन था। जो भी समस्याएं है, उन्हें दूर किया जाएगा। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल नितिन सक्सेना का कहना है किमूल्यांकन केंद्र से ड्यूटी कर वापस लौट रहे एक प्राथमिक शिक्षक की रास्ते में तबीयत खराब होने के कारण मौत हो गई। मूल्यांकन केंद्रों पर व्यवस्थाओं का निरीक्षण कराएंगे।