नई दिल्ली । दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने हाल ही में सर गंगाराम अस्पताल और उसके पांच डॉक्टरों को लापरवाही का दोषी ठहराया। इसके साथ उन्हें मरीज के परिजनों को मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है। मरीज ने 2015 में अपनी बीमारी के कारण दम तोड़ दिया था। याचिकाकर्ता ने अस्पताल और उसके डॉक्टरों की ओर से लापरवाही का आरोप लगाया था। आयोग ने अपने फैसले में कहा, हमारा मानना है कि अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम ने मरीज की देखभाल करने और उन्हें उचित इलाज देने में लापरवाही बपती है। न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल (अध्यक्ष) की अध्यक्षता वाली पीठ ने बसंत लाल शर्मा द्वारा दायर याचिका का निपटारा कर अस्पताल और डॉक्टरों को शारीरिक पीड़ा के लिए 5 लाख 10 हजार रुपये, मानसिक परेशानी के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये और मुकदमेबाजी खर्च के लिए 90 हजार रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। आयोग ने यह राशि अगले दो महीने में चुकाने को कहा है।  आयोग ने कहा, एक डॉक्टर के कुछ कर्तव्य होते हैं। वह रोगी की देखभाल करता है और उसे उचित सलाह एवं परामर्श देता है। इनमें से किसी भी कर्तव्य के उल्लंघन पर रोगी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। आयोग ने अपने फैसले में कहा कि यहां यह टिप्पणी करना महत्वपूर्ण है कि सभी डॉक्टरों और अस्पताल के स्टाफ को मरीज की बीमारी से निपटने के दौरान सावधान रहने की जरूरत है।