नई दिल्ली। इस म‎हिने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अब तक भारतीय बाजारों से 18,856 करोड़ रुप की ‎निकासी की है। भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना के बीच एफपीआई की निकासी में बढ़ोतरी देखी गई है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एक से 18 फरवरी के दौरान एफपीआई ने शेयरों से 15,342 करोड़ रुपए और ऋण या बांड बाजार से 3,629 करोड़ रुपए ‎निकाले हैं। इस दौरान उन्होंने हाइब्रिड माध्यमों में 115 करोड़ रुपए का निवेश किया है। इस तरह उनकी निकासी 18,856 करोड़ रुपए रही है। यह लगातार पांचवां महीना है जबकि विदेशी कोषों ने भारतीय बाजारों से निकासी की है। जानकारों का कहना है ‎कि भू-राजनीतिक तनाव और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना के बीच एफपीआई हाल के समय में भारतीय शेयरों से निकासी कर रहे हैं। अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी का संकेत दिए जाने के बाद उनकी बिकवाली भी तेज हुई है। अमेरिका और रूस के बीच यूक्रेन को लेकर तनाव बढ़ने से निवेशकों का रुख बांड और सोने जैसे सुरक्षित निवेश विकल्पों की तरफ हो गया है। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में एफपीआई ने भारतीय शेयरों से करीब आठ अरब डॉलर निकाले हैं। यह 2009 के बाद सबसे ऊंचा आंकड़ा है।