नई दिल्ली । इस बार गणतंत्र दिवस पर यहां आए दर्शकों को एक खास किस्‍म की फोल्डिंग चेयर पर बैठाया जाएगा। इस फोल्डिंग चेयर को फरीदाबाद से लाया जा रहा है। परेड में छह सौ से ज्‍यादा लोग इस फोल्डिंग चेयर पर बैठ सकेंगे। इस खास किस्‍म की कुर्सियों के प्रयोग के पीछे धारणा यह है कि कर्तव्‍य पथ के दोनों ओर लगे सलेक्‍शन वन घास को सुरक्षित रखा जा सकेगा। इससे परेड व्‍यवस्‍था में जुटे लोगों को समय की बचत भी होगी। इस सलेक्‍शन घास को कोई नुकशान न हो इसके लिए गणतंत्र दिवस की तैयारी में जुटी एजेंसियां सतर्क हैं। इन एजेंसियों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है कि इस कार्यक्रम में यहां जमा भीड़ से इस घास को सहेजा जा सके।इसके पूर्व गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्‍य पथ के दोनों ओर बैठने के लिए जमीन पर सैकड़ों कुर्सियों का इतंजाम होता था। इन कुर्सियों को मैठ के ऊपर रखा जाता था। इस बार परेड व्‍यवस्‍था में बड़ा बदलाव किया गया है। इस फोल्डिंग चेयर के लिए जमीन पर मैट नहीं बिछाया जाएगा क्‍योंकि इस मैट से घास को नुकशान होता है। इस फोल्डिंग चेयर की खासियत यह है कि इसके एक सेट को पांच मिनट के अंदर तैयार किया जा सकता है। इसके बड़े सेट में 240 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। इसके छोटे सेट में 180 लोगों की बैठने का इंतजाम है। इसके साथ इस पूरे सेट को क्रेन के जरिए सलेक्‍शन घास के मैदान में प्रवेश किया जाएगा जिससे घास को कोई नुकशान न हो। इस मैदान में क्रेन को अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी। इससे परेड की व्‍यवस्‍था में जुटे लोगों का समय भी बचेगा।