सरकार रूस-यूक्रेन संघर्ष, चीन की तरफ से भारी खरीद और अन्य वैश्विक कारणों से अंतरराष्ट्रीय उर्वरक कीमतों में वृद्धि के बावजूद किसानों को सस्ती कीमतों पर खाद आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है। इसके कारण चालू वित्त वर्ष में वार्षिक उर्वरक सब्सिडी बढ़कर दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। संसद में विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों के बीच सरकार के एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि मोदी सरकार के लिए किसानों के हित सर्वोपरि हैं और उर्वरकों पर दी जा रही भारी सब्सिडी से स्पष्ट है कि अगर यह बढ़ती है तो सरकार इससे पीछे नहीं हटेगी।