मैनपुरी जिले का श्रीदेवी मेला एवं ग्राम सुधार प्रदर्शनी (नुमाइश) इस बार विवादों में फंस गई है। कमेटी की ओर से लिए जा रहे निर्णयों से अधिकांश सदस्य संतुष्ट नहीं हैं। अब आजीवन सदस्य ने पूरे मामले की शिकायत संरक्षक/ जिला जज को पत्र भेजकर की है।हर वर्ष मैनपुरी में भव्यता के साथ नुमाइश का आयोजन होता आया है। लोकसभा चुनाव और फिर कोरोना के कारण पिछले तीन वर्ष से नुमाइश का आयोजन नहीं हुआ है। इस वर्ष पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह की नाराजगी के बाद प्रशासन नुमाइश लगाने के लिए तैयार हुआ, लेकिन नुमाइश का आयोजन तय समय नवरात्र में नहीं हो सका। कमेटी ने नुमाइश के आयोजन की तिथि 26 अप्रैल घोषित की है।
नुमाइश की तैयारियों के बीच कमेटी की ओर से पंडाल में होने वाले कार्यक्रमों को लेकर लिए गए निर्णयों से कई आजीवन सदस्य असंतुष्ट हैं। उन्होंने श्री देवी मेला व्हाट्सएप ग्रुप पर मनमाने निर्णयों पर आपत्ति जताई तो उन्हें ग्रुप से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। अब नुमाइश कमेटी के आजीवन सदस्य प्रशांत मिश्रा ने जनपद न्यायाधीश/संरक्षक को शिकायती पत्र भेजा है।
शिकायती पत्र में ये लगाए आरोप
प्रशांत मिश्रा की ओर से भेजे गए शिकायती पत्र में नुमाइश कमेटी पर आरोप लगाया है कि बिना आमसभा की बैठक बुलाए कई कार्यक्रमों को समाप्त कर दिया गया। इनमें ऑल इंडिया मुशायरा भी शामिल है। अफसरों ने अपने चहेतों को नियम विरुद्ध तरीके से कार्यक्रमों का संयोजक नियुक्त कर दिया। संयोजक ऐसे लोगों को बनाया गया है जो नुमाइश समिति के सदस्य नहीं हैं। उनका कहना है कि संयोजक बनने के लिए तीन वर्ष पुरानी सदस्यता होनी चाहिए। उनका कहना है कि वित्तीय स्वीकृतियां आमसभा की बैठक में सर्वसम्मति से पास होती हैं, जबकि ऐसा नहीं हो रहा है।