नई दिल्ली | सरकार ने बुधवार को राज्यसभा को सूचित किया कि एक मार्च तक विभिन्न अधिनियमों के तहत दोषी ठहराए गए 11 विदेशी नागरिकों को सजा काटने के लिए उनके देश वापस भेजा जा चुका है। एक सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि सरकार ने 31 देशों के साथ ऐसी व्यवस्था की है जिसके तहत भारत में दोषी ठहराए गए विदेशी अपने देशों में सजा काट सकते हैं।

समाजवादी पार्टी के नेता रेवती रमन सिंह के सवाल का जवाब देते हुए मिश्रा ने कहा कि नशीले पदार्थों, पासपोर्ट अधिनियम और वीजा समाप्ति के मामलों सहित अपराधों की विभिन्न धाराओं के तहत भारतीय जेलों में 4,926 विदेशी बंद हैं।

उन्होंने कहा, 4,926 कैदियों में से 1040 को अब तक दोषी ठहराया जा चुका है जबकि 3,467 देश भर की 32 जेलों में विचाराधीन हैं।

कांग्रेस विधायक आनंद शर्मा के सवाल पर मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार भारतीय जेलों में बंद विदेशियों के लिए खास व्यवस्था की है। सरकार ने जेलों में बंद इन विदेशियों के लिए कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए 1,000 से अधिक कानूनी सहायता क्लब बनाए हैं। विदेश मंत्रालय ने इन विदेशी कैदियों और विचाराधीन कैदियों के लिए अधिवक्ताओं की भी व्यवस्था कराई है।

शर्मा ने पूछा कि क्या सरकार इन विदेशियों के लिए 'फास्ट ट्रैक कोर्ट' स्थापित करने की योजना बना रही है और यदि वे लंबी अवधि के लिए जेलों में विचाराधीन हैं, तो उन्हें मुक्त किया जा सकता है या नहीं?

जवाब में मंत्री ने बताया कि दोषी विदेशियों को उनके देशों से सहमति प्राप्त करने के बाद ही वापस भेजा जा सकता है।

भाजपा विधायक विनय सहस्रबुद्धे के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने यह भी कहा कि चार्जशीट दाखिल करने के बाद सरकार अदालतों की कानूनी प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है।