अपनी मांगों के लिए धरने पर बैठी आंगनबाड़ी कर्मचारियों को दिल्ली सरकार की तरफ से भारी संख्या में टर्मिनेशन लेटर भेजे जा रहे हैं। आंगनबाड़ी यूनियन ने बताया कि अब तक करीब 400 से ज्यादा महिलाओं को टर्मिनेशन लेटर भेजे गए हैं। यह सिलसिला लगातार जारी है। माना जा रहा है कि अभी और महिलाओं को टर्मिनेशन लेटर जारी किए जा सकते हैं। दिल्ली स्टेट आंगनबाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स यूनियन की अध्यक्ष शिवानी कौल ने कहा कि उनकी हड़ताल को खत्म करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने मिलीभगत की और एलजी ने दमनकारी कानून हेस्मा लगा दिया। फिर आम आदमी पार्टी की सरकार में महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री कैलाश गहलोत ने दिखावे और जनता को भ्रमित करने के इरादे से आंगनबाड़ी कर्मियों को फिर से काम पर लौटने की अपील की गई। लेकिन सच्चाई ये है कि उनका विभाग हड़ताल में शामिल महिलाओं को लगातार गैर-कानूनी टर्मिनेशन लेटर भेज रहा है। गौरतलब है कि 31 जनवरी से आंगनबाड़ी कर्मी अपनी मांगों को लेकर 38 दिन हड़ताल पर थीं।

यूनियन ने हड़ताल को तात्कालिक तौर पर स्थगित किया है और एलजी के फैसले के खिलाफ कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है। इस चुनौती के जरिए देश की न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका के निष्पक्ष होने का सुबूत मिल जाएगा। शिवानी कौल ने बताया कि जैसे ही आंगनबाड़ी कर्मी काम पर लौटे, तो कई महिलाओं को विभाग की तरफ से टर्मिनेशन लेटर भेजा गया है। 12 मार्च तक 15, 13 मार्च तक 34 और 14 मार्च तक 400 से अधिक महिलाओं को टर्मीनेशन लेटर दिया गया है।  आंगनबाड़ी कर्मियों ने इस मामले में दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के खिलाफ हाईकोर्ट जाने का निर्णय लिया है