वॉशिंगटन । कच्चे तेल की कीमतों में सोमवार को 2 डॉलर की बढ़ोतरी देखी गई है क्योंकि यूक्रेनी सेना ने रूसी हमलों के खिलाफ रक्षात्मक स्थिति अपनाई और वहीं दूसरी ओर प्रमुख तेल उत्पादकों ने बताया कि वह आपूर्ति समझौते के तहत अपने आवंटित कोटा का उत्पादन करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ब्रेंट क्रूड वायदा 1.96 डॉलर या 1.8 फीसदी चढ़कर 109.89 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। इसमें शुक्रवार को भी 1.2 फीसदी की वृद्धि हुई थी। यूएस वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड फ्यूचर्स 2 फीसदी बढ़कर 106.79 डॉलर हो गया। इसमें भी बीते शुक्रवार को 1.7 प्रतिशत की तेजी देखी गई थी। कीमतों में बढ़ोतरी तब हुई जब सोमवार सुबह यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री इरिना वर्शचुक ने कहा कि इस बात की कोई संभावना नहीं है कि देश की सेना पूर्वी बंदरगाह वाले शहर मारियो पोल में आत्मसमर्पण करेंगी। एएनजेड के विश्लेषकों ने कहा ‎कि बाजार आपूर्ति में व्यवधान के बारे में चिंतित है, डेटा के अनुसार वह पहले से ही प्रभावित हो रहा है। रूस सहित पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन और सहयोगियों (ओपेक प्लस) की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ उत्पादक अभी भी अपने सहमत आपूर्ति कोटा को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। 
ओपेक प्लस देशों का फरवरी में अपने उत्पादन लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाए। इसमें एक मिलियन बैरल प्रति दिन (बीपीडी) से अधिक की कमी रही। तीन सूत्रों ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी। उन्हें समझौते के तहत हर महीने 400,000 बीपीडी उत्पादन को बढ़ावा देना था क्योंकि इससे पहले वह 2020 में कटौती कर चुके थे और अब उसकी भरपाई करनी थी। सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने अब तक प्रमुख उपभोक्ता देशों द्वारा तेल की कीमतों को कम करने में मदद के लिए उत्पादन में तेजी लाने के आह्वान का विरोध किया है। कम आपूर्ति और उच्च कीमतों ने शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी को चार महीनों के भीतर तेल के उपयोग में 2.7 मिलियन बीपीडी की कटौती करने के तरीकों की रूपरेखा तैयार करने के लिए प्रेरित किया, जिसमें कार-पूलिंग, कम गति सीमा और सस्ता सार्वजनिक परिवहन शामिल है।