नई दिल्ली ।  कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चि_ी लिखकर कहा कि नौकरशाही और हमारे सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण को बढ़ावा देने वाले आदेशों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए. खडग़े ने आरोप लगाया कि सरकार की सभी एजेंसियां, संस्थान, हथियार, सेना और विभाग अब मोदी सरकार के आधिकारिक तौर पर प्रचारक बन गए हैं.
मल्लिकार्जुन खडग़े ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा कि भारत सरकार के संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव जैसी उच्च रैंक के अधिकारियों को बीते 9 साल की मोदी सरकार की उपलब्धियों को बताने के लिए देश के सभी 765 जिलों में रथ प्रभारियों के रूप में तैनात किया जाना है. यह कई कारणों से चिंता का विषय है. खडग़े ने आरोप लगाया कि यह केंद्रीय सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1964 का स्पष्ट उल्लंघन है, जो निर्देश देता है कि कोई भी सराकरी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं लेगा. जबकि सरकारी अधिकारियों के लिए जानकारी का प्रसार करना स्वीकार्य है. उन्हें जश्न मनाने और उपलब्धियों का प्रदर्शन करने के लिए सत्तारूढ़ दल के राजनीतिक कार्यकर्ताओं में बदल दिया जाता है. यह तथ्य कि केवल 9 साल की उपलब्धियों पर विचार किया जा रहा है. ऐसा दिखाता है कि पांच राज्यों के चुनावों और 2024 के आम चुनावों के लिए एक पारदर्शी राजनीतिक व्यवस्था है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अगर सरकार की मार्केटिंग गतिविधियों के लिए विभागों के सीनियर अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाती है तो हमारे देश का शासन अगले छह महीनों तक रुक जाएगा.  
सैनिकों को सैनिक राजूदत न बनाया जाए
इसके अलावा खडग़े ने रक्षा मंत्रालय के 9 अक्टूबर, के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा, सैनिकों को वार्षिक छुट्टी पर सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने में समय बताने का निर्देश दिया गया था, उन्हें सैनिक राजदूत बनाया गया था. सेना प्रशिक्षण कमान, जिसे राष्ट्र की रक्षा के लिए हमारे जवानों को तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, वो सरकारी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए स्क्रिप्ट और प्रशिक्षण नियमावली तैयार करने में व्यस्त है.
सशत्र बलों को राजनीति से बाहर रखा जाए
पीएम मोदी को लिखी अपनी चिट्ठी में खडग़े ने कहा, लोकतंत्र में यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सशस्त्र बलों को राजनीति से बाहर रखा जाए. प्रत्येक जवान की निष्ठा राष्ट्र और संविधान के प्रति है. हमारे सैनिकों को सरकारी योजनाओं के मार्केंटिंग एजेंट बनने के लिए मजबूर करना सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण की दिशा में एक खतरनाक कदम है. इसके अलावा हमारे राष्ट्र की कई महीनों या वर्षों की कठिन सेवा के बाद हमारे जवान अपने वार्षिक अवकाश पर पूर्ण स्वंत्रता के हकदार हैं. अपने परिवारों के साथ समय बिताने और निरंतर सेवा के लिए ऊर्जा बहाल करने के लिए राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उनकी छुट्टी का अपहरण नहीं किया जाना चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी से अपील की है कि सिविल सेवकों और सैनिकों दोनों सरकारी तंत्रों को विशेष रूप से चुनाव से पहले के महीनों में राजनीति से बहर रखा जाए. विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि ईडी, आईटी विभाग और सीबीआई पहले से ही भाजपा के चुनाव विभागों के रूप में काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि ऊपर लिखे आदेशों के जरिए पूरे सरकारी तंत्र को सत्तारूढ़ दल के एजेंट के रूप में काम कराने की चाल है. खडग़े ने पीएम मोदी से मांग की है कि हमारे लोकतंत्र और हमारे संविधान की रक्षा को देखते हुए यह अनिवार्य है कि इन आदेशों को तुरंत वापस लिया जाए.