भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इसे लेकर कांग्रेस ने बड़ी बैठक बुलाई है। यह मीटिंग 4 और 6 जनवरी को दिल्ली और राजधानी भोपाल (ईएमएस)। में होगी। जिसमें लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन किया जाएगा और आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
मध्य प्रदेश कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। इसे लेकर दिल्ली और भोपाल (ईएमएस)। में बैठक बुलाई गई है। 4 और 6 जनवरी को कांग्रेस में बैठकें होगी। 4 जनवरी को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को दिल्ली बुलाया गया है। जहां लोकसभा चुनाव को लेकर आलाकमान से चर्चा होगी। पटवारी ने बताया कि 4 जनवरी को राष्ट्रीय स्तर की बैठक दिल्ली में होनी है, जिसमें सभी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष शामिल होंगे। इसमें लोकसभा चुनाव समेत राहुल गांधी की यात्रा को लेकर चर्चा होगी। मप्र कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कांग्रेस की नई टीम एमपी में जल्द सामने आएगी। भारत न्याय यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि जल्द ही यात्रा फाइनल होगी और उसके बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आज देश में एक वर्ग आर्थिक संपन्न और एक वर्ग बहुत गरीब है। आज देश में सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है, यहां सामाजिक और राजनीतिक असमानता है।
6 जनवरी को बड़ी बैठक
वहीं 6 जनवरी को पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने राजधानी  में बैठक बुलाई है। जिसमें हारे हुए 164 विधानसभा प्रत्याशियों को भोपाल (ईएमएस)। बुलाया गया है। लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन किया जाएगा और आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। हारे हुए प्रत्याशियों को लोकसभा इलेक्शन के लिए जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। साथ ही इस मीटिंग में हारे हुए प्रत्याशियों से विधानसभा चुनाव में मिली हार की रिपोर्ट मांगी जाएगी।
कांग्रेस की बड़ी बैठक आज
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि 50 प्रतिशत वोट शेयर, संगठन को मजबूत करना और आइडियोलॉजी को घर-घर ले जाने की दिशा में हम काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘मैं’ नहीं बल्कि ‘हम’ के सूत्र वाक्य के साथ आगे बढ़ेंगे। पटवारी ने बताया कि प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह 8 जनवरी को भोपाल (ईएमएस)। आएंगे। कांग्रेस के प्रभारी, पदाधिकारीयों कि लोकसभा की तैयारी और डोनेशन कार्यक्रम को लेकर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए हम काम करेंगे। पटवारी ने आगे कहा कि मोहन सरकार पूरे प्रदेश में कैबिनेट करना चाहती है, लेकिन जो जाम है उसके लिए क्या कर रहे हैं। ऐसी आपातकाल स्थिति के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की। सरकार साल के पहले दिन सोती रही। ऐसा लग रहा है मध्यप्रदेश में काम चलाऊ व्यवस्था है।