भोपाल ।    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकता में आने के बाद मध्य प्रदेश का लगभग हर विभाग अपने हिस्से की बिजली खुद उत्पादित करने की कोशिश कर रहा है। भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल-भेल) को सोलर पावर (सौर ऊर्जा) प्लांट के पैनल लगाने के लिए कहीं जगह नहीं मिली तो उसने अपनी आवासीय कालोनी में ही करीब सौ हरे-भरे आम-जामुन, नीम, सीताफल सहित अन्य प्रजाति के पेड़ काटकर प्लांट लगाना शुरू कर दिया। ये भोपाल में बीएचईएल की स्थापना के समय उन कर्मचारियों और उनके स्वजन ने घर के सामने लगाए थे, जो यहां नौकरी करने दूसरे राज्यों से आए थे। हालांकि संस्थान का दावा है कि इनके बदले कई गुना पौधे रोपे गए हैं। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद रोज पौधे रोप रहे हैं और अंकुर अभियान के माध्यम से जनता को पौधे रोपने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पिछले एक साल में जनता के सहयोग से अभियान के तहत 37 लाख से ज्यादा पौधे रोपे जा चुके हैं। यह अपील भी की जा रही है कि बहुत ज्यादा जरूरी न हो तो वृक्षों को न काटा जाए, पर इस मामले में मुख्यमंत्री और सरकार की कोई सुनने को तैयार नहीं है, जहां तक कि केंद्र सरकार का उपक्रम भी अनसुनी कर रहा है। ऐसा नहीं कि बीएचईएल के पास सोलर पैनल लगाने की कोई दूसरी जगह नहीं थी, पर इस स्थान का चयन किस हिसाब से किया गया, कोई बताने को तैयार नहीं है।

पांच मेगावाट का है सोलर पावर प्लांट

बीएचईएल 20 करोड़ की लागत से 25 एकड़ में पांच मेगावाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट बनवा रहा है। यह राजधानी का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट होगा। इससे बीएचईएल बिजली पर एक साल में खर्च होने वाली पांच करोड़ रुपये से अधिक की राशि बचाएगा। बीएचईएल प्रबंधन इस प्लांट से भेल उपनगर के 12 हजार परिवारों को भी बिजली सप्लाई करेगा। इस प्लांट को भेल बेंगलुरू की इकाई तैयार कर रही है और प्लांट के सभी उपकरण बीएचईएल में ही बन रहे हैं।

इनका कहना है

भेल पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित संस्थान है। हमने सोलर पैनल लगाने के लिए नगर निगम से अनुमति लेकर 152 वृक्ष काटे हैं पर प्रति वृक्ष पांच पौधे के हिसाब से 1500 से ज्यादा पौधे भी रोपे गए हैं। इसके अलावा भेल प्रबंधन ने इस साल अलग-अलग स्थानों पर 30 हजार से ज्यादा पौधे रोपे हैं।

- विनोदानंद झा, प्रवक्ता, भेल