नई दिल्ली । चीन में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही। संक्रमण में हालिया उछाल की वजह ओमिक्रोन के बीएफ.7 सब-वेरिएंट को बताया जा रहा है। हालांकि बीएफ.7 पहले भी सुर्खियां बना चुका है। बीएफ.7 ने अक्टूबर में उन वेरिएंट्स को बदलना शुरू कर दिया था जो उस समय संयुक्त राज्य अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में प्रभावी थे। उल्लेखनीय है कि बीए.5 का सब-वेरिएंट है बीएफ 7 वायरस इससे भारत में तबाही मचने की संभावना नहीं है। बीएफ.7 वायरस का पूरा नाम बीएफ.7 बीए.5.2.1.7 है। यह बीए.5 का सब-वेरिएंट है। दरअसल वायरस खुद से ही अलग-अलग वेरिएंट बनाते रहते हैं। बीए.5 कोविड-19 के वेरिएंट ओमिक्रोन का सब-वेरिएंट था। इस महीने की शुरुआत में अक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि बीएफ.7 सब-वैरिएंट ओरिजनल डी614जी वेरिएंट की तुलना में 4.4 गुना अधिक न्यूट्रलाइजेशन रेजिस्टेंट है। एक हाई न्यूट्रलाइजेशन रेजिस्टेंस वेरिएंट का मतलब है कि वह किसी आबादी में तेजी से फैल सकता है और आसानी से नए वेरिएंट भी बना सकता है।
इस साल की शुरुआत में आई लहर में ओमिक्रोन के बीए.1 और बीए.2 सब-वेरिएंट मिले थे। बाद में बीए.4 और बीए.5 भी नजर आए। हालांकि इन दोनों ने यूरोपीय देशों में अधिक तबाही मचाई। इसी प्रकार अब तक भारत में बीएफ.7 के बहुत कम मामले देखे गए हैं। भारत के नेशनल सार्स-कोव-2 जीनोम सीक्वेंसिंग नेटवर्क के आंकड़ों के अनुसार बीए.5 वेरिएंट नवंबर में केवल 2.5 फीसदी मामलों के लिए जिम्मेदार था। वर्तमान में एक रिकॉम्बिनेंट वेरिएंट एक्सबीबी भारत में सबसे आम वेरिएंट है। नवंबर में आए कुल मामलों में से 65.6 फीसदी इसी से जुड़े थे।
भारत के कोविड-19 जीनोम सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम इनसैकोग के पूर्व प्रमुख डॉ अनुराग अग्रवाल का कहना है कि चीन ओमिक्रॉन की मार झेल रहा है जो अन्य देशों ने पहले ही झेल चुके हैं। ठीक उसी तरह जैसे हांगकांग ने देखा जब उसने अपने प्रतिबंधों में ढील दी। चीन में टीकाकरण की दर बहुत ही उच्च है। डब्ल्यूएचओ डैशबोर्ड के अनुसार चीन ने प्रति 100 लोगों पर 235.5 खुराक की दर रखी है। चीन अपनी आबादी के लिए टीके विकसित करने वाले दुनिया के शुरुआती देशों में से एक था। 2020 की शुरुआत के बाद से अब तक वायरस के कई वेरिएंट आ चुके हैं।