भोपाल । पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात के बाद अरूण यादव ने प्रदेश में सक्रियता बढ़ा दी है। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है की यादव राज्यसभा सांसद बननके लिए अचानक सक्रिय हो गए हैं। शायद आलाकमान ने उन्हें संकेत दे दिया है कि  जून में विवेक तन्खा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पार्टी उन्हें राज्यसभा भेजेगी।गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव की आहट से प्रदेश कांग्रेस में हलचल शुरू हो गई है। मप्र में राज्यसभा की 11 सीटें हैं। इनमें से 8 पर भाजपा और सिर्फ 3 सीट पर कांग्रेस है। जून में भाजपा की 2 और कांग्रेस के खाते से 1 सीट कम हो रही है। यह एक सीट सांसद विवेक तन्खा का कार्यकाल पूरा होने पर खाली होगी। इसके लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव का नाम सबसे आगे चल रहा है। प्रदेश में अरुण यादव की बढ़ती सक्रियता ने उनकी दावेदारी को आगे बढ़ाया है। वहीं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी यादव को सपोर्ट कर रहे हैं।

अन्य पिछड़ा वर्ग का बड़ा चेहरा हैं अरुण यादव
अरुण यादव प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। विधानसभा चुनाव 2018 में बुदनी से शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ उतरकर वे खुद को पार्टी का समर्पित नेता साबित कर चुके हैं। अरुण यादव प्रदेश में कांग्रेस के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग का बड़ा चेहरा हैं। ऐसे में कांग्रेस उन्हें दरकिनार नहीं कर सकती। वे पिछले दिनों कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिल चुके हैं। अरुण यादव पार्टी गाइडलाइन से कभी पीछे नहीं हटे। साथ ही वे पार्टी पर कटाक्ष करने से भी नहीं चूके। अब जब कमलनाथ के नेतृत्व में अगला चुनाव लडऩे का फैसला हो चुका है तो अरुण यादव को राज्यसभा भेजा जाना तय माना जा रहा है।

यादव ने शुरू किया जनसंपर्क
मिशन-2023 के लिए अरुण यादव ने अपने स्तर से बुंदेलखंड में जनसंपर्क शुरू कर दिया है। इसको लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से अरुण यादव की जमकर तारीफ की। साथ ही कांग्रेसियों को सुझाव भी दे दिया। दिग्विजय ने लिखा- मुझे इस बात की प्रसन्नता है अरुण आपने दौरा शुरू किया है। जनसंपर्क के माध्यम से ही हम जनता की लड़ाई लड़ पाएंगे। बधाई। वहीं कांग्रेस का एक धड़ा तन्खा को दोबारा राज्यसभा भेजने के पक्ष में है। ऐसे में उन्हें मध्यप्रदेश की बजाए छत्तीसगढ़ से भेजने की भी चर्चा है, लेकिन वहां भी चुनौती कम नहीं दिख रही है। जून में ही छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की दो सीटें खाली हो रही हैं। यहां छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत के राज्यसभा जाने की इच्छा जताने के बाद यहां उनकी दावेदारी सबसे अधिक मजबूत हो गई। दूसरी सीट के लिए प्रियंका गांधी का नाम काफी चर्चा में है। इसके अलावा कपिल सिब्बल, पी. चिदंबरम के नामों की चर्चा है। ऐसे में तन्खा वहां फिट होंगे या फिर मप्र से ही उनको दोबारा भेजा जाएगा, यह तय कर पाना कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।