भोपाल। प्रदेश के आधे से ज्यादा डाक्टरों की प्रैक्टिस पर तलवार लटक रही है। दरअसल राज्य मेडिकल कौंसिल ने एक आदेश जारी कर सभी डाक्टरों से कहा है कि वे 31 मार्च तक पंजीयन का नवीनीकरण अनिवार्य रूप से करा लें। जो डाक्टर ऐसा नहीं करेंगे वे प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे। नवीनकरण के लिए डाक्टरों को 10वीं, 12वीं की अंकसूची के साथ-साथ इंटर्नशीप का प्रंमाण पत्र भी संलग्न करना है। मुश्किल यह है कि सालों पहले डाक्टरी की पढ़ाई करने वाले ज्यादातर डाक्टरों ने इंटर्नशीप प्रमाण पत्र संभालकर नहीं रखा है। प्रमाण पत्र के अभाव में वे चाहकर भी पंजीयन का नवीनीकरण नहीं करा पा रहे। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब डाक्टरी शुरू करने से पहले ही मेडिकल कौंसिल में रजिस्ट्रेशन करवाया जा चुका है तो फिर दोबारा रजिस्ट्रेशन क्यों करवाया जा रहा है।
मांगा जा रहा इंटर्नशीप प्रमाण पत्र
राज्य मेडिकल कौंसिल द्वारा जारी पंजीयन के नवीनीकरण के आदेश को लेकर डाक्टर एकजुट हो गए हैं। इस आदेश में सालों पहले पंजीयन करवा चुके डाक्टरों से दोबारा पंजीयन कराने के लिए कहा गया है। पंजीयन करवाने की अंतिम तिथि 31 मार्च है। डाक्टरों का कहना है कि आनलाइन पंजीयन में उनसे इंटर्नशीप प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। जो सही नहीं है। पंजीयन के साथ डाक्टरों को पचास रुपए भी जमा कराना है। सूत्र बताते हैं राज्य मेडिकल कौंसिल भले ही दावा करे कि उसके पास राज्य के सभी डाक्टरों के दस्तावेज सुरक्षित हैं लेकिन ऐसा है नहीं। यही वजह है कि डाक्टरों से दोबारा पंजीयन कराने को कहा जा रहा है।