नई दिल्ली । कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू 26 जनवरी को अपनी एक साल की सजा पूरी होने से 4 महीने पहले ही जेल से बाहर आ सकते हैं। पंजाब में गणतंत्र दिवस के मौके पर जिन 51 कैदियों को जेल से बाहर भेजने की सूची तैयार की गई है उनमें से एक नवजोत सिंह सिद्धू भी हैं। 1988 के रोड रेज केस में उन्हें 1 साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि उनके अच्छे बर्ताव और बची हुई छुट्टियों को देखते हुए जेल प्रशासन उन्हें 8 महीने में ही रिहा करने पर विचार कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि जिन कैदियों की सूची रिहाई के लिए तैयार की गई है उस मंत्री परिषद की बैठक में पेश किया जाएगा। 
मंत्री परिषद से मंजूरी के बाद इस सूची को गवर्नर के समक्ष मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। जेल प्रशासन ने नवजोत सिंह सिद्धू को विशेष राहत दिए जाने के सवाल पर कहा कि हम ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे। जेल प्रशासन के एक सूत्र ने कहा राज्य सरकार की ओर से नवजोत सिद्धू को कोई विशेष राहत नहीं दी जाएगी। कैदियों की रिहाई के लिए तय नियम होते हैं। इस लिस्ट में उन कैदियों को शामिल किया गया है जो सजा की अवधि पूरी कर चुके हैं लेकिन फाइन अदा न कर पाने की वजह से जेल में ही बंद हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे कैदी हैं जिन्होंने अपनी 60 से 70 फीसदी सजा पूरी कर ली है और उनका व्यवहार अच्छा पाया गया है। 
कैदियों की रिहाई प्रक्रिया को लेकर नियम है कि जेल प्रशासन को नियमावली दी जाती है। इसके तहत तय किया जाता है कि किन कैदियों को रिहा किया जा सकता है। राज्य सरकार की ओऱ से कैदियों की रिहाई की तय नीतियों के अलावा केंद्र सरकार की भी एक पॉलिसी है। इसके तहत 15 अगस्त एवं 26 जनवरी को कैदियों की रिहाई की जाती है। गौरतलब है कि इसी साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिद्धू को एक साल जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद 20 मई को नवजोत सिंह सिद्धू ने जिला अदालत में सरेंडर किया था और उन्हें पटियाला स्थित जेल में भेजा गया था। गौरतलब है कि इसी साल पंजाब विधानसभा चुनाव में नवजोत सिद्धू अमृतसर ईस्ट सीट से चुनाव हार गए थे।