भोपाल । चीन में लगातार फैल रहे कोरोना संक्रमण के कारण फिर लॉकडाउन जैसी स्थितियां निर्मित हो रही है अस्पतालों के सामने मरीजों की लंबी-लंबी लाइनें लग चुकी है मरीजों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं ऐसे में भारत में कोरोना संक्रमण की दस्तक नहीं हो इसलिए केंद्र सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है। इसी के चलते राजधानी भोपाल सहित एमपी के सभी शहरों में फिर से कोरोना की टेस्टिंग शुरू करने के साथ ही सभी व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर अस्पताल तैयार किए जा रहे हैं ताकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
आपको बतादें कि चीन समेत अन्य देशों में कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना को लेकर हाईलेवल बैठक की। इसमें बताया कि कुछ देशों में कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए सभी को सतर्क व टेस्टिंग को तेज करने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल मध्यप्रदेश में कहीं कोई स्थिति नहीं है लेकिन एक दो केस अभी भी सामने आ रहे हैं राजधानी भोपाल के दो सरकारी केंद्रों पर कोरोना की रोजाना सिर्फ 20 से 25 जांचें हो रहीं हैं। साथ ही फीवर क्लीनिक खाली पड़े हैं। कई जगह इनके स्टाफ को भी दूसरी जगह लगा दिया है। लेकिन अब टेस्ट बढ़ाने के आदेश केंद्र सरकार ने दिए हैं। साथ ही कोरोना की ट्रेसिंग करने को भी कहा गया है। इससे कोरोना पर समय रहते काबू पाया जा सके।

जेपी अस्पताल में शुरू किया ऑक्सीजन प्लांट
जेपी हमीदिया समेत अन्य अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट को हर 15 से 20 दिन में एक बार चलाया जाता है। इसके बाद इसकी रिपोर्ट विभाग को भेजी जाती है। सरकार द्वारा अलर्ट करने के बाद जेपी अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट को चलाया गया। प्रबंधन के अनुसार अस्पताल में लगभग 100 बेड हैं इन्हें प्लांट से सीधा जोड़ा गया था। जरूरत पडऩे पर इसको बढ़ाया जा सकता है।

अब तक भोपाल में 1.75 लाख केस
अब तक भोपाल में एक लाख 75 हजार से अधिक पॉजिटिव केस सामने आए हैं। साथ ही इनमें से हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई लेकिन वर्तमान में सिर्फ तीन केस पॉजिटिव हैं। अलर्ट के बाद सीएमएचओ को कोविड गाइडलाइन के हिसाब से अस्पतालों में मौजूद व्यवस्था का ऑडिट करने के निर्देश दिए हैं। अभी 1250 व बैरागढ़ के जिला अस्पताल के साथ कुछ निजी केंद्रों पर ही कोरोना के टेस्ट हो रहे हैं।

प्रदेश में 43 हजार बिस्तर आरक्षित
कोरोना मरीजों के लिए प्रदेश में कुल 43114 बिस्तरों को आरक्षित हैं इनमें बिना ऑक्सीजन वाले बिस्तरों की संख्या 7141 है। ऑक्सीजन के 24340 और आईसीयू में 11633 बिस्तर आरक्षित हैं। हालांकि वर्तमान में इनमें से ज्यादातर बेड पर अन्य मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार जरूरत पडऩे पर इन बिस्तरों को कोरोना मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

एक लाख से अधिक कोरोना टेस्ट करने की क्षमता हो रहे सिर्फ 250
कोरोना के दौरान कई निजी अस्पताल समेत काटजू जैसे सरकारी अस्पतालों को कोविड सेंटर बनाया था। कोरोना का प्रभाव कम होने के बाद अस्पतालों में अन्य स्वास्थ्य व्यवस्थाएं शुरू कर दी गई। साथ ही हमीदिया जेपी समेत सभी सरकारी बड़े अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट भी लगाए गए। वहीं प्रदेश की 33 लैब में 1 लाख से अधिक कोरोना टेस्ट करने की क्षमता है लेकिन अभी 250 से 300 टेस्ट ही रोजाना हो रहे हैं।