राजधानी दिल्ली स्थित एम्स आने वाले लोगों को पार्किंग की समस्या से राहत मिलेगी। अस्पताल द्वारा जारी एक नए ट्रैफिक सर्कुलेशन प्लान के अनुसार, यहां एम्स द्वारा जारी किए गए सभी पार्किंग स्टिकर 1 अप्रैल, 2023 से अमान्य हो जाएंगे और उन्हें आरएफआईडी टैग से बदल दिया जाएगा, जबकि सभी इलेक्ट्रिक शटल जीपीएस से लैस होंगी।

मरीजों की सुविधा के लिए बढ़ाई जाएंगी शटल सेवाएं

बता दें कि एम्स परिसर में मरीजों और उनके परिवारजनों के आने-जाने के लिए इलेक्ट्रिक शटल का इस्तेमाल किया जाता है। मरीजों की आवाजाही आसान करने के लिए और स्वच्छ और हरित एम्स की दिशा में योगदान करने के लिए तुरंत 50 अतिरिक्त इलेक्ट्रिक शटल की खरीद की जाएगी।

साथ ही सभी मौजूदा और नए इलेक्ट्रिक शटल जीपीएस सिस्टम से लैस होंगे और शटल के आने का समय सभी पिकअप स्टेशनों पर एक्चुअल टाइम के आधार पर प्रदर्शित किया जाएगा। शटल सेवा में महिलाएं, बुजुर्ग, दिव्यांग और जरूरतमंदों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा बाहरी लोग एम्स के मुख्य परिसर में गाड़ियां नहीं खड़ा कर सकेंगे। लोगों को मस्जिद मोठ स्थित परिसर वाली पार्किंग में वाहन खड़े करने होंगे।

टर्मिनलों पर जगह की किल्लत,सड़क पर खड़ी रहती हैं बसें

उधर, पश्चिमी दिल्ली में डीटीसी व कल्स्टर बसों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण बस टर्मिनलों पर जगह की किल्लत साफ नजर आने लगी है। आलम यह है कि बसें टर्मिनल से ज्यादा सड़कों पर खड़ी नजर आती है।यह स्थिति हरि नगर घंटा घर के सामने, मंगलापुरी, उत्तम नगर, कपासहेड़ा, नजफगढ़, तिलक नगर व मधु विहार सभी जगह देखने को मिलती है।

सड़क पर अव्यवस्थित ढंग से खड़ी बसों के चलते इन जगहों पर जाम की समस्या देखने को मिलती है। समय के साथ यह समस्या गहराने लगी है। बसों की सड़कों पर पार्किंग के चलते चौड़ी सड़कें संकरी हो गई है, जो सड़क सुरक्षा के लिहाज से चुनौतीपूर्ण स्थिति है। असल में टर्मिनल पर बसों के अधिक समय तक रुकने की व्यवस्था नहीं है, पर बस चालक काफी मनमानी करते है और घंटो-घंटो पर टर्मिनल व सड़कों पर खड़े रहते है।