कोरोना महामारी की वजह से पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद भारत का कृषि निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान लगभग 20 फीसदी बढ़कर 50।21 अरब डॉलर हो गया। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान चावल का निर्यात कृषि जिंसों में 9।65 अरब डॉलर के साथ विदेशी मुद्रा अर्जित करने में सबसे आगे रहा है। आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 9।35 फीसदी ज्यादा है। साल 2021-22 में गेहूं का निर्यात बढ़कर 2।2 अरब डॉलर का हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 567 अरब डॉलर था। 

साल 2020-21 में 32।3 करोड़ डॉलर के डेयरी उत्पादों के निर्यात के मुकाबले वर्ष 2021-22 में इन उत्पादों का निर्यात 96 फीसदी बढ़कर 63।4 करोड़ डॉलर हो गया, जबकि गोजातीय मांस का निर्यात वर्ष 2020-21 के 3।17 अरब डॉलर से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 3।30 अरब डॉलर का हो गया। कुक्कुट (मुर्गीपालन वाले) उत्पादों का निर्यात वर्ष 2021-22 में बढ़कर 7।1 करोड़ डॉलर का हो गया, जो पिछले वर्ष 5।8 करोड़ डॉलर था। बकरी के मांस का निर्यात वर्ष 2021-22 में 34 फीसदी बढ़कर छह करोड़ डॉलर का हो गया। कृषि उत्पादों के प्रमुख निर्यात गंतव्यों में बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम, अमेरिका, नेपाल, मलेशिया, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, ईरान और मिस्र शामिल हैं। एपीडा के चेयरमैन एम अंगामुथू ने कहा कि 50 कृषि उत्पादों का एक आधार तैयार किया गया है जिसमें निर्यात बढ़ाने की भरपूर संभावनाएं हैं।