भोपाल । प्रदेश के 62 सरकारी विभागों में निगम-मंडलों में नगर निगमों में नगर पंचायतों में ब्लाक कार्यालयों में मुख्यालयों में सहकारी संस्थाओं मंत्रालय में कार्यरत 2 लाख कंप्यूटर ऑपरेटर नौकरशाही की गलत नीतियों के कारण बंधुआ मजदूरी की नौकरी करने को मजबूर है। 10-10 वर्ष की नौकरी करने के बावजूद भी ना तो उन्हें कार्य के अनुरूप सम्मानजनक वेतन मिल रहा है और ना ही किसी प्रकार की सरकारी सुविधाएं मिल रही है। कंप्यूटर ऑपरेटर से सरकार की योजनाओं के महत्वपूर्ण कार्य कराए जाते हैं लेकिन उन्हें वेतन घंटे के हिसाब से जॉब दर का वेतन भुगतान किया जाता है। जिससे 2 लाख कंप्यूटर ऑपरेटरों का प्रदेश सरकार में शोषण किया जा रहा है। उन्हें परिवार पालने लायक वेतन भी नहीं दिया जाता है और मांग करने पर उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि प्रदेश के 2 लाख कंप्यूटर ऑपरेटरों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराने उन्हें नियमित करने सम्मानजनक कार्य के अनुरूप वेतन देने, सरकारी सुविधाओं का लाभ देने, उनका बीमा करने,  फंड कटौती करने, पेंशन की पात्रता देने आदि मांगों को लेकर मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है और मांग की है कि प्रदेश के दो लाख कंप्यूटर ऑपरेटरों का शोषण बंद किया जाए।