चांदनी चौक में स्थित 160 साल पुराने हरदयाल विरासत पुस्तकालय की सभी शाखाओं पर ताला लग गया है। पुस्तकालय के कर्मचारियों को करीब 17 महीने से वेतन नहीं मिला, इसलिए नाराज कर्मचारियों ने पुस्तकालय पर ताला लगा दिया है और वह अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इनका कहना है कि जबतक वेतन नहीं मिलेगा वो काम पर नहीं लौटेंगे।

हरदयाल म्युनिसिपल पब्लिक पुस्तकालय की स्थापना 1862 में हुई थी। यह दिल्ली का सबसे पुराना पुस्तकालय है। पुस्तकालय में 1.7 लाख से ज्यादा किताबें, पत्र व पत्रिकाएं हैं, जिनमें से 8,000 दुर्लभ पांडुलिपियां हैं। यहां रोजाना बड़े-छोटे सैकड़ो अखबार आते हैं। सैकड़ों लोग यहां पढ़ने के लिए आते हैं। कई शोधार्थी ज्ञान की तलाश में यहां आते हैं। यह पुस्तकालय हफ्ते के सातों दिन खुला रहता है। इसकी 35 अलग शाखाएं हैं, जिनमें से छह दक्षिणी दिल्ली और चार पूर्वी दिल्ली में स्थित हैं। इन्हें चलाने के लिए एमसीडी से पैसा मिलता है। लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है, जब इसे इसके कर्मचारियों ने ही बंद कर दिया है। 

पुस्तकालय में काम करने वाले कर्मचारी नवीन पंवार ने बताया कि जब तीन निगम थे तब उत्तरी निगम के अधिकार क्षेत्र में होने के नाते महापौर राजा इकबाल सिंह ने अनुदान का पैसा दिलाने का आश्वासन दिया था। अब एमसीडी प्रशासन की तरफ से भी आश्वासन ही दिया जा रहा है। पांच दिन पहले एमसीडी के विशेष अधिकारी, आयुक्त और उपराज्यपाल से अनुदान का पैसा दिलाने की अपील की गई थी। ज्ञापन के माध्यम से उन्हें बता दिया गया था कि यदि उनका वेतन नहीं मिला तो मजबूरन उन्हें पुस्तकालय को बंद करना पड़ेगा। अब मजबूरन उन लोगों ने पुस्तकालय पर ताला लगाने का कादम उठाया है। 17 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों की माली हालत हो गई है। लोगों के पास ऑफिस आने का किराया तक नहीं है। योगेश शर्मा ने कहा कि वह 33 साल से यहां नौकरी कर रहे हैं। पहली बार पुस्तकालय बंद किया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एमसीडी जल्द ही पैसा जारी करेगी।