नई दिल्ली | हैदराबाद की एक विशेष सीबीआई अदालत ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एक पूर्व शाखा प्रबंधक सहित 11 आरोपियों को बैंक को नुकसान पहुंचाने के लिए अलग-अलग जेल की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपियों को कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए कहा कि सभी हथकड़ी पहने हुए थे और उन पर 11 लाख रुपये का संयुक्त जुर्माना लगाया।

अदालत ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बोलाराम शाखा, सिकंदराबाद के तत्कालीन शाखा प्रबंधक के. राजा राव को 2.25 लाख रुपये के जुर्माने के साथ पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई, जबकि अन्य निजी व्यक्ति श्रीधर को तीन साल के कठोर कारावास और 75,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।

सीबीआई ने 30 सितंबर 2004 को राव और अन्य के खिलाफ इस आरोप में मामला दर्ज किया था कि उन्होंने बैंक को धोखा देने की साजिश रची थी। यह मामला बिना उधारकर्ताओं की प्रामाणिकताऔर पात्रता की पुष्टि किए फरवरी-अप्रैल 2002 के दौरान 98,43,706 रुपये के आवास ऋणों की धोखाधड़ी स्वीकृति और संवितरण का था।

इससे बैंक को 98 लाख रुपये का नुकसान हुआ। बैंक ने आंतरिक जांच की और आरोपी को दोषी पाया। इसके बाद बैंक ने उनके खिलाफ सीबीआई में प्राथमिकी दर्ज की। मामला गंभीर होने के कारण सीबीआई ने मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया था।

जांच के बाद सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ तीन चार्जशीट दाखिल की। ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को दोषी पाया और तदनुसार उन्हें दोषी ठहराया।